मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर अड़े मनोज जारांगे पाटिल के अनशन ने महाराष्ट्र में हलचल मचा दी है। उनके नेतृत्व में एक बार फिर जालना जिले में 27 अगस्त से मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन जारी है। उनके आंदोलन की वजह से राज्य के जालना सहित कुछ हिस्से में हिंसा भड़क गई। बीते शुक्रवार को मनोज जारांगे पाटिल के समर्थकों और जालना पुलिस के बीच झड़प बाद मराठा समुदाय में खासा गुस्सा है। हालांकि, पाटिल अपनी मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। इस दौरान उन्होंने बातचीत में कहा कि पिछले 40 साल से हम सरकार पर भरोसा ही रख रहे हैं।
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"हम इस बार आश्वासन पर नहीं रुकेंगे"
उन्होंने कहा, "जब ये विपक्ष में होते हैं तब कहते हैं कि हम सत्ता में आने पर आरक्षण देंगे, लेकिन सत्ता में आने के बाद बदल जाते हैं। हमें हमारा हक चाहिए। हम ओबीसी में आते हैं। हमारा मराठा समाज कुनबी समाज में आता है, जो ओबीसी है। हम इस बार आश्वासन पर नहीं रुकेंगे। आरक्षण लेकर ही रहेंगे। अब इंतजार नहीं कर सकते हैं। हमारे बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। हम रुकेंगे नहीं। आरक्षण गरीबों का हक है। हम खेती करने वाले गरीब लोग हैं। आरक्षण गरीबों को नहीं देंगे, तो क्या अमीरों को देंगे। हमें आरक्षण ओबीसी कोटा में चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का मामला अलग है।"
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"फडणवीस ने क्षमायाचना कर ली"
मनोज जारांगे पाटिल ने कहा, "मैं अध्यादेश लेकर ही रहूंगा। सरकार का सम्मान रखते हुए मैंने पानी पीया था, लेकिन आज शाम तक जीआर नहीं मिला, तो पानी छोड़ दूंगा। हमारे लोगों ने सत्ता में इनको भेजा है। हमें आरक्षण देना ही होगा। अब इस मसले का हल निकालना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे लोगों पर गोली क्यों चलाया गया। फडणवीस ने माफी मांग ली है। अब इस मुद्दे को खत्म कर दिया है, क्योंकि फडणवीस ने क्षमायाचना कर ली है। हिंसा करने वाले हमारे आंदोलनकारी नहीं हैं। हमारे बच्चों पर मामला दर्ज किया गया।"