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Hindi News महाराष्ट्र शिंदे, फडणवीस के बाद अब अजित पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस, विरोधियों को दिया करारा जवाब

शिंदे, फडणवीस के बाद अब अजित पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस, विरोधियों को दिया करारा जवाब

अजित पवार ने कहा कि विपक्ष ने ईवीएम को लेकर जो भी आरोप लगाए हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में महायुति के नेताओं की अहम बैठक है, जिसमें बड़े फैसले हो सकते हैं।

Ajit pawar- India TV Hindi Image Source : PTI अजित पवार

महायुति के नेता एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बाद अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी दलों को करारा जवाब दिया है। अजित पवार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विपक्षी दल ईवीएम को लेकर जो आरोप लगा रहे हैं। उनमें कोई दम नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेताओं का कहना था कि महायुति को इतनी सीटें नहीं मिल सकती हैं। चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति में शामिल तीनों पार्टियां ही सबसे बड़ी पार्टियां हैं। सबसे ज्यादा 132 सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और एनसीपी (अजित पवार) को 41 सीटें मिली हैं। विपक्षी दलों का महा विकास अघाड़ी गठबंधन कुल 49 सीटों पर सिमट गया, जबकि महायुति को 235 सीटें मिलीं। शिवसेना (उद्धव गुट) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार) को 10 सीटें मिलीं। समाजवादी पार्टी को भी दो सीटें मिलीं। इसके बाद से विपक्षी नेता चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे हैं।

दिल्ली में अमित शाह के साथ महायुति के नेताओं की बैठक

अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी साफ किया कि दिल्ली में वह अमित शाह के साथ अहम बैठक में शामिल होने वाले हैं। इस बैठक में महायुति के अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग में कई अहम फैसले हो सकते हैं और महाराष्ट्र में सीएम का नाम भी तय हो सकता है। महायुति को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद इस गठबंधन की सरकार बनना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम इस मीटिंग में तय हो सकते हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 141 सीटों की जरूरत होती है और बीजेपी अकेले ही बहुमत के बेहद करीब है। ऐसे में शिंदे गुट और अजित पवार के खेमे को मिलने वाले मंत्रालयों की संख्या कम हो सकती है। एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम पद मिलना भी मुश्किल है।