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Hindi News महाराष्ट्र आपस में लड़ रहे महाविकास अघाड़ी के नेता, संजय राउत के बयान पर जितेंद्र आव्हाड बोले- क्यों अपने कपड़े उतरवाने में लगे हो

आपस में लड़ रहे महाविकास अघाड़ी के नेता, संजय राउत के बयान पर जितेंद्र आव्हाड बोले- क्यों अपने कपड़े उतरवाने में लगे हो

जितेंद्र आव्हाड ने मोहन भागवत के बयान पर कहा कि सही मायने में घर की मुखिया महिला होती है, जिसे महंगाई और परिवार नियोजन के बारे में पता होता है। मोहन भागवत ने कहा था कि लोगों को तीन बच्चे करने चाहिए।

Sanjay raut and jitendra avhad- India TV Hindi Image Source : PTI संजय राउत और जितेंद्र अव्हाण

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महाविकास अघाड़ी की करारी हार के बाद गठबंधन के नेता आपस में लड़ रहे हैं। हाल ही में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि अगर गृह मंत्रालय उद्धव ठाकरे के पास होता तो सरकार कभी नहीं टूटती। इसके जवाब में जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि तीन साल पुरानी बात करके कोई फायदा नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि संजय राउत क्यों अपने ही कपड़े उतारने में लगे हुए हैं।

संजय राउत ने बयान दिया था कि महाविकास आघाड़ी की सरकार के दौरान अगर उद्धव ठाकरे के पास गृह विभाग होता तो महाविकास आघाड़ी सरकार कभी टूटती नहीं। इसी पर पलटवार करते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ढाई साल पहले जो घटना हुई है अब उस बारे में चर्चा कर कर उसका क्या फायदा है ? क्यों लोग अपने कपड़े उतरवाने पर लगे हुए हैं। दरअसल जब एनसीपी से अजित पवार और शिवसेना से एकनाथ शिंदे बड़ी संख्या में विधायकों को लेकर महायुति में शामिल हुए थे और महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी, तब गृह मंत्रालय एनसीपी के पास था।

मोहन भागवत के बयान पर क्या बोले?

मोहन भागवत ने भारत की घटती जनसंख्या के ऊपर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए। इसी पर जवाब देते हुए शरद पवार गुट के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अब आरएसएस तय करेगा कि किसे कितने बच्चे पैदा करने चाहिए? सही मायने में घर का कोई मुखिया होता है तो वह उस घर की महिला होती है। उसे पता है कि कितनी महंगाई बढ़ चुकी है और कितने बच्चे पैदा करने हैं। अगर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को इतनी ही चिंता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोलकर राष्ट्रीय योजना लागू करा दे फिर हर परिवार को तीन से ज्यादा बच्चे पैदा करने पड़ेंगे। पहले ही हमारा देश इतना गरीब है और ऊपर से इस तरीके से बयान देकर मोहन भागवत क्या साबित करना चाहते हैं।

(ठाणे से रिजवान शेख की रिपोर्ट)