महाविकास अघाड़ी और महायुति के लिए आफत बने बागी, इन सीटों पर बिगाड़ सकते हैं समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों में ही बागियों ने अपना सिर उठा लिया है। ऐसे में ये बागी दोनों ही गठबंधन के दलों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 20 नवंबर को मतदान होगा। 4 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की अवधि है और 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों ही गठबंधनों में बड़े तौर पर बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में बागियों को शांत करने के लिए दोनों ही गठबंधनों को नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। बता दें कि अब 4 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की अवधि बची हुई हैं। ऐसे में चलिए बताते हैं कि महायुति और महाविकास अघाड़ी में किन सीटों पर बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं।
महायुती में किन सीटों पर दिख रहा बगावती सुर?
बोरिवली विधानसभा सीट- इस सीट पर भाजपा ने संजय उपाध्याय को तो शिवसेना यूबीटी ने संजय भोसले को मैदान में उतारा है। वहीं गोपाल शेट्टी इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि गोपाल शेट्टी दो बार भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। वह विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाह रहे थे लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया इसलिए वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
उमरेड विधानसभा सीट- भाजपा ने सुधीर पारवे और कांग्रेस ने संजय मेश्राम को मैदान में उतारा है। राजू पारवे इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पारवे शिंदे की शिवसेना के नेता हैं। 2019 मे कांग्रेस के टिकट पर चुनकर आए थे और लोकसभा से पहले शिवसेना में शामिल हो गए थे। रामटेक से लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट- शिवसेना ने मुरजी पटेल और शिवसेना यूबीटी ने ऋतुजा लटको को उम्मीदवार बनाया है। स्वीकृती शर्मा इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं। हाल ही में उन्होंने शिंदे की शिवसेना में प्रवेश किया था। अंधेरी पूर्व से चुनाव लड़ना चाहती थीं। यहां पर पिछले चुनाव में प्रदीप शर्मा भी लड़ चुके हैं। लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ रही है।
चिंचवाड विधानसभा क्षेत्र- भाजपा ने शंकर जगताप तो एनसीपीएसपी ने राहुल कलाटे को उम्मीदवार बनाया है। नाना काटे इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। नाना काटे अजित पवार की पार्टी के नेता हैं। चिंचवाड़ से एनसीपी के टिकट पर उपचुनाव लडे़ थे, लेकिन वह हार गए। बाद मे अजित पवार की पार्टी से ही चिंचवाड़ से लडना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो फिर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मानखुर्द-शिवाजीनगर विधानसभा सीट- शिवसेना ने इस सीट से सुरेश पाटील को तो समाजवादी पार्टी ने अबू आजमी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं नवाब मलिक एनसीपी के नेता हैं जो इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि वह अणुशक्तिनगर से विधायक हैं। वहां से अब उनकी बेटी सना चुनाव लड़ रही हैं। नवाब मलिक मानखुर्द से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने उनके अजित पवार के साथ होने पर ऑब्जेक्शन लिया था, फिर भीवह पार्टी से जुड़े हैं।
महाविकास अघाड़ी में किन सीटों पर बागी बने सिरदर्द?
पंढरपूर विधानसभा सीट- भाजपा ने यहां से समाधान आवताड़े और एनसीपीएसपी ने अनिल सावंत को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से भागीरथ भालके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि भागीरथ दिवंगत कांग्रेस विधायक भारत भालके के बेटे हैं। भारत भालके के निधन के बाद वहां उपचुनाव हुए तब उन्होंने राष्ट्रवादी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। बाद में वह बीआरएस पार्टी से जुड़ गए थे। अब इलेक्शन मे शरद पवार की पार्टी ने उनका विचार नहीं किया तो उन्हें कांग्रेस की ओर से चुनाव में उतारा गया है।
परांडा विधानसभा सीट- शिवसेना ने तानाजी सावंत और शिवसेना यूबीटी ने रणजीत पाटील को उम्मीदवार बनाया है। एनसीपीएसपी के नेता राहुल मोटे यहां के पूर्व विधायक हैं और साल 2019 में यहां से तानाजी सावंत चुनकर आए थे। वह मंत्री भी हैं। इस बार यह सीट एनसीपीएसपी को लड़ानी थी। लेकिन मौजूदा विधायक शिवसेना का होने की वजह से शिवसेना यूबीटी ने सीट छोड़ने से इनकार किया। अब शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की पार्टी दोनों के नेता चुनावी मैदान में हैं।
सोलापुर दक्षिण विधानसभा सीट- भाजपा ने यहां से सुभाष देशमुख और शिवसेना यूबीटी ने अमर पाटील को उम्मीदवार बनाया है। दिलीप माने यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। दिलीप माने कांग्रेस के नेता हैं। उन्हें पार्टी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन आखिरी वक्त तक उन्हें एबी फॉर्म नहीं मिला, तो दिलीप माने अब निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं।
काटोल विधानसभा सीट- एनसीपीएसपी ने सलील देशमुख तो भाजपा ने चरणसिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। एनसीपी नेता नरेश अरसडे यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। काटोल की सीट एनसीपी की है। यहां से पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख विधायक हैं। अब इस जगह पर उनके बेटे सलील देशमुख चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन अजित पवार अब यह सीट नहीं छोड़ने चाहते हैं। साथ ही भाजपा भी इस सीट पर अपना कंट्रोल रखना चाहती है। यहां से भाजपा और एनसीपी दोनों के ही उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।