महाराष्ट्र: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने सोमवार को नए संसद भवन का समर्थन करते हुए कहा कि देश की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए इसकी आवश्यकता है। 135 करोड़ के पार जा रही देश की आबादी को ध्यान में रखते हुए उनका प्रतिनिधित्व करने वाले लोग भी बढ़ेंगे। इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस नए संसद भवन की जरूरत थी। इसे कोविड काल के दौरान भी रिकॉर्ड समय में बनाया गया था। अब इस नए भवन में, सभी को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए और आम लोगों के मुद्दों को हल करना चाहिए, सभी को इसमें भाग लेना चाहिए।” न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में पवार ने ये बातें कहीं।
पार्टी लाइन से अलग जाकर दिया बयान
अजित पवार का बयान एनसीपी के नए संसद भवन के लिए गए रुख के विपरीत है, जो उन 20 विपक्षी दलों में शामिल था, जो रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं हुए थे। उद्घाटन के दौरान होने वाली रस्मों पर अजित के चाचा शरद पवार ने चिंता जताई थी।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि“मैंने सुबह घटना देखी। मुझे खुशी है कि मैं वहां नहीं गया। वहां जो कुछ हुआ उसे देखकर मैं चिंतित हूं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधुनिक भारत की अवधारणा की बात करने और नई दिल्ली में आज नए संसद भवन में किए गए अनुष्ठानों की श्रृंखला में बहुत बड़ा अंतर है। मुझे डर है कि हम अपने देश को दशकों से पीछे ले जा रहे हैं।"
अजीत पवार की चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने भी शरद पवार के बयान पर सहमति जताई थी और उद्घाटन को 'अधूरा आयोजन' करार दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वैदिक रीति-रिवाजों और बहु-विश्वास प्रार्थना समारोह के बीच नए संसद परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने स्पीकर की कुर्सी के बगल में लोकसभा कक्ष में तमिलनाडु से लाए गए ऐतिहासिक 'सेन्गोल' को भी स्थापित किया।