अकोला। देश को आजाद हुए 73 साल होने को आए, लेकिन आज भी महाराष्ट्र के एक गांव के 540 लोग ऐसे थे, जिन्हें आज जाकर बिजली नसीब हुई है। यह गांव विदर्भ के अकोला जिले में स्थित है। महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक आदिवासी गांव नवी तलाई के निवासी बिजली को लेकर इतने खूश हुए कि दिवाली मना डाली।
इससे पहले वे अमरावती जिले में मेलघाट बाघ परियोजना के मुख्य क्षेत्र में रहते थे और 2018 में उन्हें स्थानांतरित कर नवी तलाई में बसाया गया था। हालांकि तलहरा तालुका अंतर्गत गांव में रहने वाले 540 लोग पुर्नवास के समय से ही बिजली से वंचित थे। निवासियों को अपने मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए भी पड़ोसी गांव के लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था। उनके घरों का अंधकार 22 जुलाई को समाप्त हुआ जब नवी तलाई में पहली बार बिजली पहुंची।
महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) के एक अधिकारी ने कहा कि गांव तक बिजली पहुंचाना उसका दायित्व था। अधिकारी ने कहा, “एमएसईडीसीएल मिशन मोड में काम करती है… अब गांव में सभी घरों तक बिजली पहुंच चुकी है। यह एमएसईडीसीएल का दायित्व है।” नवी तलाई गांव के निवासियों के लिए यह अवसर समय से पहले आई दिवाली की तरह था। उन्होंने इसका स्वागत दीये जला कर और बच्चों ने केक काटकर किया।
गांव में बिजली पहुंचाने के लिए जमीनी कार्य सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल कोल्हे और विधान परिषद सदस्य अमोल मितकारी ने किया। मितकारी द्वारा गांव को गोद लिया गया है और उन्होंने कहा कि नवी तलाई अब राज्य में विकास के एक उदाहरण के तौर पर उभरेगा।