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महाराष्ट्र: मामा ने रिश्ते की भी लाज ना रखी, भांजी का किया रेप, कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई

महाराष्ट्र में मामा ने रिश्तों को कलंकित किया और अपनी भांजी का रेप कर डाला। मामा ने अपनी भांजी को जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद कोर्ट ने उसे 20 साल की सजा सुनाई।

Maharashtra rape- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE PIC मामा ने भांजी का किया रेप

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक कोर्ट ने नाबालिग से रेप करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि यह अपराध जघन्य और घिनौना है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। पीड़िता, दोषी को ‘मामा’ मानती थी। 

विशेष पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कोर्ट की न्यायाधीश रूबी यू मालवणकर ने पांच जुलाई को एक आदेश में कहा कि 54 वर्षीय आरोपी ने ‘मामा’ जैसे रिश्ते की भी लाज नहीं रखी। आदेश के प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई। मामा को रेप, आपराधिक धमकी और पॉस्को अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। 

विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता ने 2018 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपने पिता और दो भाइयों के साथ महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मनपाड़ा इलाके में रहती थी। उस समय पीड़िता की उम्र 16 वर्ष थी। 

पेशे से रसोइया था मामा

अगस्त 2017 में, अहमदनगर का रहना वाला उसका ‘मामा’ उनके घर रहने के लिए आया जो कि पेशे से रसोइया था। शिकायत के अनुसार, कुछ दिनों तक तो उसका व्यवहार ठीक रहा, लेकिन सितंबर से वह किसी बहाने से पीड़िता को गलत तरीक से छूने लगा। जब भी कोई घर पर नहीं होता, वह इसी तरह की हरकत करता। 

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि एक रात जब लड़की का पिता नशे में था और सो रहा था तो आरोपी ने पीड़िता के साथ रेप किया। जब पीड़िता चिल्लाई तो आरोपी ने उसका मुंह दबाया और जान से मार डालने की धमकी दी। धमकी के डर से पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया और उसके बाद आरोपी ने उसे कई बार गलत तरीके से छुआ। 

जब पीड़िता ने आरोपी से कहा कि वह अपने पिता को सब कुछ बता देगी तो आरोपी उनके घर से चला गया। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 16 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ साबित किया गया अपराध बेहद जघन्य और घिनौना है। कोर्ट ने कहा, 'आरोपी ने 16 साल से कम उम्र की एक लड़की के साथ यह घिनौना कृत्य किया, जो उसे मामा कहती थी।'

इसने कहा, 'आरोपी ने मामा जैसे रिश्ते तक की लाज नहीं रखी। ऐसे रिश्तेदारों के बीच इस तरह का कृत्य निश्चित रूप से स्वीकार्य नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए तथा समाज में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों को उचित संदेश देने के लिए कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।' 

कोर्ट ने आरोपी पर 22,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि यह जुर्माना पीड़िता को उसके पुनर्वास के लिए दिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़िता को उचित मुआवजा देने के लिए फैसले को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के पास भेजा जाए। (इनपुट: भाषा)