मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में महाराष्ट्र के स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने राज्य में ट्रांसफर और पोस्टिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया था और फोन टैपिंग करके कई बड़े अधिकारियों के नाम उस रैकेट से जुड़े होने का दावा किया था। देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने जब राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उस रैकेट को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी तो उन्होंने चिंता जाहिर की थी लेकिन बाद में उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी और मुख्यमंत्री को जो रिपोर्ट सौंपी गई थी वह राज्य के गृह मंत्री के पास भेज दी गई थी।
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देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि ट्रांसफर और पोस्टिंग रैकेट को लेकर सारी चीजें सामने आने के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट को उस समय के सीओआई ने तैयार किया और 25 अगस्त 2020 को रिपोर्ट डीजी साबह को दी, जिसे डीजी साबह ने अगले दिन यानि 26 अगस्त 2020 को उस समय के एसीएस को भेज दिया और उसमें साफ तौर पर कहा कि सारी रिपोर्ट जितना जल्द हो सके मुख्यमंत्री को भेजी जाए और तुरंत जांच की सिफारिश की जाए। उसके बाद इसके बारे में पूरी ब्रीफिंग मुख्यमंत्री जी को हुई और उन्होंने चिंता भी जारी की।
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देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि मुख्यमंत्री के यहां से रिपोर्ट गृह मंत्री के पास चली गई और उसपर कार्रवाई होना तो दूर, कमिश्नर इंटेलिजेंस रश्मि शुक्ला को हटा दिया गया और फिर उनका प्रोमोशन तक रोक दिया गया तथा उनके नीचे वालों को एडवांस प्रोमशन दिया गय। देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि क्योंकि उनका (रश्मि शुक्ला) रिकॉर्ड अच्छा था, तो उसके चलते उनको प्रोमोशन देना पड़ा, लेकिन ऐसी पोस्ट पर प्रोमशन दिया गया जो अस्तित्व में ही नहीं थी। बताया जा रहा है कि खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट के फोन टैपिंग के रिकॉर्ड सुने ते लेकिन उस रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के बजाय उन्होंने वह रिपोर्ट गृह मंत्री को भेज दी और गृह मंत्रालय में रिपोर्ट भेजे जाने के बाद ही रश्मि शुक्ला को हटाया गया था।
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