Maharashtra: पात्रा चॉल घोटाला केस में फंसे शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को आज भी राहत नहीं मिली है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत को 10 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके साथ ही अब 10 अक्टूबर को ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अदालत ने 19 सितंबर को संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी। बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाला केस में 1 अगस्त को ED ने गिरफ्तार किया था। वह तब से जेल में बंद हैं। और आज फिर से न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ने से वे दशहरे पर भी जेल में ही रहेंगे।
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क्या है पात्रा चॉल घोटाला केस ?
साल 2007 में एक जमीन पर टिन के चॉल में 500 से ज्यादा परिवार रहते थे। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी (GACPL) से यहां फ्लैट्स बनाने का करार किया। इस कंपनी के साथ हुए समझौते के अनुसार, इस जमीन पर 3,000 फ्लैट बनने थे। इसमें से 672 फ्लैट वहां चॉल में रहने वाले लोगों को दिए जाने थे। करार में यह स्पष्ट तरीके से कहा गया था कि यहां फ्लैट बनाने वाली कंपनी को इस जमीन बेचने का अधिकार नहीं होगा। लेकिन आरोप है कि कंपनी ने समझौते का उल्लंघन करते हुए इस जमीन को 9 अलग-अलग बिल्डर्स को 1,034 करोड़ में बेच दिया। कंपनी ने जमीन को बेंच तो दिया लेकिन फ्लैट एक भी नहीं बना।
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जमीन टुकड़ों में 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी गई
ED ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने उस जगह का फिर से विकास नहीं किया और उस जमीन को टुकड़ों में अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दिया तथा अपनी खुद की परियोजना शुरू कर दी। ईडी ने कहा कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने महाडा को गुमराह किया। वहीं संजय राउत की जमानत याचिका में कहा गया है कि संजय राउत ‘किसी भी तरह गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, एचडीआईएल या पात्रा चाल से जुड़े हुए नहीं हैं।'