मुंबई: शरद पवार गुट को चुनाव आयोग से नया नाम मिल गया है। अब वह 'एनसीपी शरद चंद्र पवार' नाम से जाने जाएंगे। गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शरद पवार को झटका देते हुए चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना था। ऐसे में एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह दोनों पर ही अजित पवार गुट का अधिकार हो गया था।
इसके बाद शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से 3 नामों की मांग की थी और शरद गुट बरगद के पेड़ को प्रतीक चिह्न के लिए मांग कर रहा था। शरद पवार गुट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदराव पवार नाम चुनाव आयोग के सामने रखे थे। जिसमें से चुनाव आयोग ने एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम दे दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल शरद पवार और अजित पवार के बीच मतभेद के बाद एनसीपी में दोनों के अलग-अलग गुट बन गए थे। एक गुट शरद पवार का था और दूसरा अजित पवार का। इस बीच मंगलवार को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना। चुनाव आयोग ने आदेश देते हुए माना कि अजित पवार ही असली एनसीपी है। चुनाव आयोग का ये फैसला शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आयोग के इस फैसले के बाद एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों पर ही अजित पवार गुट का अधिकार हो गया है।
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए शरद पवार गुट को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का विकल्प भी दिया।
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