एक ही फ्रेम में बात करते नजर आए उद्धव और राज ठाकरे, सामने आया खास VIDEO; फिर साथ होंगे दोनों भाई?
पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर दोनों भाइयों के बीच दरार पैदा हो गई थी। इस बीच दोनों भाइयों के एक साथ दिखने से राजनीतिक हलकों में भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में तो नहीं, लेकिन आज एक पारिवारिक समारोह में ठाकरे बंधु एक साथ दिखे। एक निजी कार्यक्रम में दोनों भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही फ्रेम में नजर आए। बता दें कि आज राज ठाकरे की जयवंती के बेटे की सगाई थी जिसमें दोनों भाई मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे और शिवसेना ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे एक साथ दिखने से राजनीतिक हलकों में भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
रश्मि ठाकरे और शर्मिला ठाकरे ने भी की मुलाकात
यह साखपुड़ा समारोह मुंबई के दादर के एक हॉल में आयोजित किया गया था जिसमें पूरा ठाकरे परिवार मौजूद था। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने पूरे ठाकरे परिवार से मुलाकात की। साखपुड़ा समारोह में शामिल हुए कुछ लोगों के मुताबिक कार्यक्रम के दौरान दोनों भाइयों राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत हुई। इस दौरान रश्मि ठाकरे और शर्मिला ठाकरे की भी मुलाकात हुई।
कुछ दिन पहले ही दोनों भाइयों के बीच पैदा हुई थी दरार
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर दोनों भाइयों के बीच दरार पैदा हो गई थी। 5 दिन पहले ही राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने अडाणी धारावी प्रोजेक्ट को लेकर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे। राज ठाकरे ने बयान जारी करते हुए उद्धव से पूछा था कि क्या उनसे (अडाणी) सेटलमेंट नहीं हुआ, इसलिए मोर्चा निकाला गया? राज ठाकरे ने इसपर आगे कहा कि अडाणी के पास ऐसा क्या है कि एयरपोर्ट भी वही चला सकते हैं, कोयले के खाद्यान भी वही चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए आपको टाटा ग्रुप से टेंडर मांगना चाहिए था, डिजाइन मांगना चाहिए था। वहां (धारावी) क्या होने वाला है, यह पता चलना चाहिए था। धारावी में हमारे पदाधिकारी हैं, उनसे मेरी बात हुई है।
क्या है धारावी प्रोजेक्ट
बता दें कि धारावी करीब 2.8 स्क्वायर किलोमी में फैला एक स्लम एरिया है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से नजजीक होने के चलते इस स्थान की कीमत काफी ज्यादा है। यहां कई छोटे-मोटे उद्योग हैं, जिनमें एक लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत यहां हाई राइज बिल्डिंग और कई तरह के विकास किए जाने हैं। साल 2004 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत 68 हजार लोगों को कहीं और बसाने का प्लान है। इसके लिए उन्हें बने हुए मकान देने का वादा किया गया है। साल 2011 में सरकार ने यहां के टेंडर के निरस्त कर दिया। बाद में फिर टेंडर निकाला गया। यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप की कंपनी को दिया गया है जिसका अब विरोध होने लगा है।
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