Maharashtra Politics: शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बड़ा हमला बोला है। रामदास कदम ने कहा है कि बालासाहेब के विचारों पर सही मायनों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चल रहे हैं, जबकि उद्धव ठाकरे, शरद पवार के विचारों पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों से बेईमानी करने और उनकी पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है। बता दें कि बीते जून में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर ली थी और शिवसेना के अधिकांश विधायकों का समर्थन हासिल कर बीजेपी की मदद से सरकार बना ली थी।
सही मायनों में बालासाहेब के विचारों पर एकनाथ शिंदे चल रहे हैं
रामदास कदम ने रत्नागिरी में कहा, 'मुझे लगता है इस मामले में एकनाथ शिंदे और मेरे विचारों में कोई अंतर नहीं, लेकिन यह मेरा व्यक्तिगत मत है कि आज बालासाहेब के विचारों पर सही मायनों में एकनाथ शिंदे चल रहे हैं, जबकि शरद पवार के विचारों पर उद्धव ठाकरे चल रहे हैं। बालासाहेब ठाकरे के विचारों से बेईमानी करने और उनकी पीठ में खंजर घोपने का काम उद्धव ठाकरे ने किया है, तो उन्हें बालासाहेब का नाम लेने और उनके विचारों के बारे में बात करने का अधिकार कैसे है? आज एकनाथ शिंदे ही सही मायने में बालासाहेब के विचारों पर काम कर रहे हैं यह मेरा मत हैं, और मैं एकनाथ जी के बारे में बोलता रहूंगा।'
मातोश्री पर कितनी मिठाई गई, कितने खोखे गए...मुझे सब पता है, मेरा मुंह मत खुलवाओ -रामदास कदम
आपको बता दें कि शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया था। आदित्य ठाकरे के बयानों पर पलटवार करते हुए रामदास कदम ने कहा कि जिस 50 खोखे (करोड़) में विधायकों (शिंदे गुट) के बिकने की बात आदित्य ठाकरे करते हैं वह ये बताएं कि मातोश्री में मिठाई के कितने खोखे गए? मुझे सब पता है...वह मेरा मुंह ना खुलवाएं। इन्होंने शुरुआत में आवाहन किया था कि जो लोग गोवा गए हैं वो लौटकर अपने चुनाव क्षेत्र में आकर दिखाएं। सभी विधायक वापस लौटे और अपने चुनाव क्षेत्र में भी गए। सभी का जोरदार स्वागत किया गया।
इसके बाद फिर आदित्य ने कहा था कि मेरे मतदार संघ वर्ली में आकर दिखाओ। सभी विधायक वर्ली भी गए, फिर कहा कि विधानभवन में कदम रखकर दिखाओ, वहां भी सभी बागी विधायक पहुंचे। यह सिर्फ बोल रहे है कि तुम्हारे पास है क्या? तुम्हारा क्या योगदान है? अब कुछ नहीं बचा तो यह खोखे बोलने लगे। यह बार-बार खोखे-खोखे कर रहे हैं। मातोश्री में मिठाई के कितने खोखे गए मुझे पता है। मेरा मुंह मत खुलवाओ। कहते है ना.. जिसको कमरा होता है उसे दुनिया गीली नज़र आती है.. एक वोट पाने के लिए शिंदे ने कितनी मेहनत की। वो सब भूल गए, मातोश्री पर कितनी मिठाई गई, कितने खोखे गए, इसके बारे में नही बोलेंगे, अब भी नही बोलेंगे, जिसने सब देखा है, जिसे सब पता है। उससे यह खोखे की बात कर रहे है। इससे ज़्यादा हंसी की बात कुछ नही है।