Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सत्ता गंवा चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। शिंदे ने शिवसेना के 19 में से 12 सांसदों से दिल्ली में मुलाकात की। शिंदे गुट को समर्थन देने का मन बना चुके इन बागी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और उन्होंने अलग ग्रुप के तौर पर मान्यता देने की मांग की। इसे लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने हमला बोला है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक दिवसीय दौरे पर सोमवार देर रात दिल्ली पहुंचे। इसके बाद से ही ये तय माना जा रहा था कि एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी के साथ दिल्ली पहुंचे हैं। शिवसेना सांसदों की बगावत को लेकर संजय राउत ने ट्वीट किया, "पीठ से निकले..खंजरों को गिना जब, ठीक उतने ही थे.. जितनो को गले लगाया था..! जय महाराष्ट्र!"
सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते- राउत
इससे पहले शिंदे के दिल्ली पहुंचने और पार्टी के 12 सांसदों की बगावत के बीच संजय राउत ने ट्वीट कर विरोधियों से निपटने का इशारा किया। राउत ट्वीट किया, "फन कुचलने का हूनर भीं सिखिए..सांप के खौफ से जंगल नहीं छोड़ा करते...जय महाराष्ट्र!!"
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भावना गवली को संसदीय दल का नेता बनाने का फैसला लिया गया था। सोमवार को शिवसेना के 12 सांसदों ने एकनाथ शिंदे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। वहीं, शिंदे गुट ने लोकसभा स्पीकर को भी अपने फैसले के बारे में बता दिया था। ऐसे में माना जा रहा था कि एकनाथ शिंदे दिल्ली पहुंचने के साथ ही शिवसेना के सांसदों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
मंगलवार देर रात मुंबई लौटेंगे एकनाथ शिंदे
वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बताया कि एकनाथ शिंदे मंगलवार देर रात मुंबई लौटेंगे। 30 जून को यहां मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शिंदे का राष्ट्रीय राजधानी का यह दूसरा दौरा है। शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 8 और 9 जुलाई को नई दिल्ली का दौरा किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना कुछ सप्ताह पहले दो फाड़ हो गई थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी। इसके बाद शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तब शिवसेना के 55 विधायकों में से उन्हें 39 विधायकों का समर्थन मिला था। सरकार बनने के बाद से ही शिंदे की नजर सांसदों पर थी। अब 19 सांसदों में से 12 उनके खेमे में चले गए हैं।