Maharashtra Politics: 'गली का बच्चा-बच्चा जानता है 50 बक्से का मतलब क्या होता है', जानें आदित्य ठाकरे ने ऐसा क्यों कहा
Maharashtra Politics: गुरुवार सुबह से ही सत्ता पक्ष ने खासकर शिंदे गुट के विधायकों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ठाकरे परिवार को घेरना शुरू किया। आदित्य ठाकरे पर हुए निजी हमले के बाद MVA ने भी आक्रामक रूख अपनाया।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में जारी शिंदे गुट वर्सेस ठाकरे की लड़ाई हर रोज एक मर्यादा को लांघ रही है। विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन जो हुआ उसकी उम्मीद शायद किसी ने नहीं की थी क्योंकि, पहली बार शिंदे ग्रुप की तरफ से ठाकरे परिवार पर निजी हमले किए गए। शिंदे ग्रुप के विधायकों ने आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) को निशाना बनाया। गुरुवार सुबह से ही सत्ता पक्ष ने खासकर शिंदे गुट के विधायकों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ठाकरे परिवार को घेरना शुरू किया।
विपक्ष को उसी की जुबान में जवाब देते हुए शिंदे गुट ने नारे लगाए कि, ठाकरे के दलालों को.. जूते मारे %$@# को, बीएमसी के खोके...मातोश्री ओके, दाउद के खोके...MVA ओके, लवासा के खोके.. बारामती ओके। बता दें कि अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एक करोड़ को एक खोका कहा जाता है।
'पोस्टर में आदित्य को घोड़े पर उल्टा बैठे दिखाया'
इतना ही नहीं, शिंदे ग्रुप ने एक बैनर दिखाकर नारेबाजी भी शुरू की। इस बैनर पर एक पोस्टर था जिसमें आदित्य ठाकरे को एक घोड़े पर उल्टा बैठा हुआ दिखाया गया। बैनर के ऊपर लिखा था- 'महाराष्ट्र के परम पुज्य (प पु) युवराज...' बीच में आदित्य का कार्टून और नीचे लिखा था- "युवराज की 'दिशा' हमेशा गलत हो जाती है"। दिशा नाम के जरिए शिंदे ग्रुप दरअसल बॉलीवुड की उस अभिनेत्री को ओर इशारा कर रहे थे जिसका नाम दिशा से शुरू होता है और जो आदित्य की गहरी दोस्त है।
आदित्य ठाकरे ने किया पलटवार
आदित्य ठाकरे पर हुए निजी हमले के बाद MVA ने भी आक्रामक रूख अपनाया है। विधानभवन में MVA विधायकों ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 'आए रे आए.. गद्दार आए' '50 खोके..एकदम ओके' का नारा विधानभवन परिसर में गूंजने लगा। आदित्य ठाकरे ने भी बढ़-चढ़कर इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और जमकर नारेबाजी की।
'हर गली का बच्चा बच्चा यह जानता है कि 50 बक्से का मतलब क्या होता है'
इंडिया टीवी से खास बातचीत में आदित्य ठाकरे ने उनपर हुए निजी हमलों का जवाब दिया और शिंदे ग्रुप पर जमकर निशाना साधा। आदित्य ने कहा निजी हमला करना है तो करिए लेकिन कभी जनता की भी आवाज सुनो.. जनता की बात करो। मुझे दुख इस बात का है कि शिंदे ग्रुप के कुछ विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला। मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज ये लोग अब अपने नेता को खुश करने के लिए मुझपर हमले कर रहे थे.. करने दो।
'ये तो रावण है... रामराज्य नहीं है'
ठाकरे परिवार के खिलाफ हुई नारेबाजी पर आदित्य ने कहा, ''हमने इन लोगों के लिए क्या-क्या नहीं किया। इनमें से तो 2-3 नेता हैं जिनको हमने ऐसे पद दिए जो कभी किसी सीएम ने दिया नहीं था। फिर भी हमारे पीठ में खंजर घोपा गया। ये तो रावण है.. ये रामराज्य नहीं है।'' उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को ‘‘बेशर्मी और विश्वासघात से हटाया गया है। हर गली का बच्चा बच्चा यह भी जानता है कि 50 बक्से का मतलब क्या होता है।''