Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को अपनी सरकार पर मंडराते राजनीतिक संकट से लड़ने के प्रति दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि विद्रोही नेता का बेटा लोकसभा सांसद है, तो क्या उनके बेटे आदित्य ठाकरे को राजनीतिक रूप से आगे नहीं बढ़ना चाहिए। फिलहाल दोनों पक्ष ने चार दिन पुराने गतिरोध को तोड़ने के लिए पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। ठाकरे ने कहा कि शिंदे को शहरी विकास का प्रमुख विभाग दिया गया था, जो आमतौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास रहता है।
'रोग से पीड़ित पत्तियों की तोड़कर फेंकने की जरूरत'
उन्होंने शिवसेना में विद्रोह के लिए सार्वजनिक रूप से विपक्षी दल भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा, ‘‘जिसने उनकी महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन सरकार की स्थिरता को खतरा पैदा कर दिया है’’। इस गठबंधन में NCP और कांग्रेस भी शामिल हैं। पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि वह विधायकों द्वारा दलबदल से चिंतित नहीं, क्योंकि वह उन्हें एक पेड़ के रोग पीड़ित फल-फूल मानते हैं। उद्धव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप पेड़ के फल-फूल लेते हैं। लेकिन जब तक जड़ें (पदाधिकारी और कार्यकर्ता) मजबूत हैं, तब तक मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है। जड़ें कभी नहीं उखड़ सकतीं। हर मौसम में नए पत्ते आते और फूल खिलते हैं। रोग से पीड़ित पत्तियों की तोड़कर फेंकने की जरूरत है। वर्तमान स्थिति पर इसी संदर्भ में विचार करें।’’
'क्या आप भाजपा की ‘उपयोग करो और फेंक दो’ की नीति से आहत नहीं होते?'
उन्होंने कहा कि वह भले ही मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से बाहर चले गए हों, लेकिन संकट से लड़ने का उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है। ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें कुछ समय पहले कहा था कि शिवसेना के विधायकों को लगता है कि पार्टी को पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ वापस जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आप किस तरह के शिवसैनिक हैं? क्या आप भाजपा की ‘उपयोग करो और फेंक दो’ की नीति और मातोश्री (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे के निजी आवास) के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से आहत महसूस नहीं करते हैं।’’
'आपका बेटा सांसद हो सकता है, लेकिन आदित्य...'
उद्धव ने सवालिया लहजे में कहा कि आपका बेटा (श्रीकांत शिंदे) सांसद हो सकता है, लेकिन क्या आदित्य को राजनीतिक रूप से विकसित नहीं होना चाहिए। श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं, जबकि मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं, जिनके पास पर्यावरण और पर्यटन विभाग है। असम में बागी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे के निधन (2012 में) के बाद उन्हें दो बार मंत्री बनाया गया था। आपको ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से बाहर रखना चाहिए। आप को देखना चाहिए कि क्या आप अपना अस्तित्व बचा सकते हैं। कोई भी ठाकरे को शिवसेना से अलग नहीं कर सकता है।’’
शिंदे का दावा- मेरे नेतृत्व वाला समूह ‘असली शिवसेना’
उधर, अपने रुख पर कायम शिंदे ने दावा किया कि उनके नेतृत्व वाला समूह ‘असली शिवसेना’ है और यह भी कहा कि वह और उनके समर्थक अयोग्य घोषित करने की धमकियों से भयभीत नहीं होंगे। गुरुवार देर रात पोस्ट किए गए ट्वीट में शिंदे ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार विधायिका की कार्यवाही के लिए एक पार्टी व्हिप जारी किया जाता है, न कि किसी बैठक में भाग लेने के लिए। ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बुधवार को विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए शिंदे खेमे के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। शिंदे 37 शिवसेना विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।