Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर संकट के बादल और भी घने होते जा रहे हैं। एक ओर शिवसेना के विधायकों ने बगावत का शंखनाद कर दिया है तो दूसरी ओर अब निर्दलीय विधायक भी हवा के रुख के साथ जाने की कोशिश में हैं। दरअसल, निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। विनोद अग्रवाल ने देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली।
बता दें कि विनोद अग्रवाल महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते थे। उन्हें महाराष्ट्र के गोंदिया से 102996 वोट मिले थे।
तो झुकने को तैयार शिवसेना?
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच, पार्टी के सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है। शिंदे वर्तमान में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसने पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया है। एमवीए सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस भी साझेदार हैं।
सीएम आवास छोड़ा, इस्तीफे को भी तैयार
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को शिंदे के विद्रोह के बीच शीर्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी और बाद में उपनगरीय बांद्रा में अपने परिवारिक घर जाने से पहले दक्षिण मुंबई में अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर दिया था। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे की बगावत की पृष्ठभूमि में पद छोड़ने की पेशकश करने के कुछ ही घंटे बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई स्थित अपना आधिकारिक आवास खाली कर दिया और बांद्रा स्थित अपने निजी आवास चले गए। ठाकरे मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ को खाली करके ठाकरे परिवार के निजी आवास ‘मातोश्री’ चले गए हैं।