Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की सियासत में अभी उथल-पुथल मची है। शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कुछ विधायकों ने बगावत कर दिया है। इसके बाद से उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता नारायण राणे का बयान आया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग करते हुए दावा किया कि उन्हें विधानसभा में पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं है।
हालांकि, एकनाथ शिंदे ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। वहीं, राणे ने कहा कि शिंदे ने शिवसेना से अलग होने का सही फैसला किया है। राणे इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने वाले पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता हैं। बीजेपी के कई नेता एकनाथ शिंदे के सूरत में विधायकों के साथ डेरा डालने के फैसले पर सावधानी से अपना रुख रख रहे हैं।
'शिंदे के साथ पार्टी में सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया'
शिवेसना के पूर्व नेता राणे ने कहा, "शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिंदे के साथ पार्टी में सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया। उद्धव के बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य और उनके चचेरे भाई वरुण सरदेसाई भी शिंदे के नियंत्रण वाले शहरी विकास विभाग में दखल दे रहे थे। इसलिए उनके लिए शिवसेना छोड़ना सही फैसला है।"
राणे ने कहा कि अगले 24 घंटों में महाराष्ट्र में तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि ठाकरे द्वारा मंगलवार को मुंबई में उनके आधिकारिक आवास वर्षा में बुलाई गई बैठक में शिवसेना के सिर्फ 11 विधायक मौजूद थे।
एकनाथ शिंदे से सीएम ठाकरे ने फोन पर की थी बात
बताया जा रहा है कि सीएम उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच आज फोन पर करीब 20 मिनट तक बात हुई। इस दौरान शिंदे ने बीजेपी के साथ समझौता करने की बात कही। सीएम ठाकरे ने उन्हें मुंबई वापस आने और बात करने पर मनाया। हालांकि, शिंदे इस पर विचार करने के लिए अपने रुख पर अडिग हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ठाकरे से बात करने के दौरान शिंदे ने स्पष्ट किया कि वह अभी भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, ना ही उन्होंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं।