मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार आने वाले दिनों में उन सभी शहरों में कठोर लॉकडाउन लगा सकती है जहां पर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में कुछ जगहों पर कठोर लॉकडाउन लगाने की जरूरत है और अगले 1-2 दिन में इसपर सरकार फैसला ले लेगी। राज्य सरकार ने गुरुवार को ही नागपुर में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया है।
गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया और उसी के बाद कहा कि राज्य में कई जगहों पर कठोर लॉकडाउन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर लोग लॉकडाउन नहीं चाहते हैं तो उन्हें कोरोना को लेकर बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अभी कोरोना को लेकर हालात काबू से बाहर नहीं हुए हैं। उद्धव ठाकरने ने राज्य में जनता से वैक्सीन लगवाने की अपील भी की है और कहा है कि यह बहुत सुरक्षित है।
सीएम उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों से बात कर पुरे राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों का जायजा लिया और कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में क्या संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की।
महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ते कोरोना को देखते हुए अलग अलग शहरों में फिर से कड़ी पाबंदियां लगना शुरू हो गई हैं। अब नागपुर शहर में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया गया है। नागपुर के प्रभारी मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि शहर में 15 मार्च से 21 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा। हालांकि इस दौरान मेडिकल सेवाएं, वैक्सीन, जरूरी सामानों की दुकान खुले रहेंगे।
आपको बता दें कि नागपुर में कोरोना का संक्रमण फिर से तेजी से फैलने लगा है, पिछले 24 घंटे मे नागपुर में 1710 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है ,जबकि 8 लोगो की मौत हुई है। नागपुर में रोज 1000 से अधिक कोरोना मरीज पाए जा रहे है ,जबकि हर रोज 8 से अधिक लोगो की मौते हो रही है।
नागपुर के अलावा महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। महाराष्ट्र में फिर से एक्टिव कोरोना मामलों का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंच गया है, एक समय यह आंकड़ा 50 हजार से नीचे आ गया था। राज्य में अबतक 52610 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है, पिछले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र में 54 लोगों की कोरोना की वजह से जान गई है। देशभर में जितने एक्टिव कोरोना मामले हैं उसका आधे से ज्यादा अकेले महाराष्ट्र में ही है।