Maharashtra: विधायकों के शिंदे गुट में शमिल होने के बाद शिवसेना के द्वारा बुलाई गई सांसदों की बैठक में केवल 9 लोकसभा सांसद ही पहुंचे हैं। यह बैठक उद्धव ठाकरे के आवस मातोश्री पर हो रही है, जिसमें राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चर्चा हो रही है। शिवसेना के लोकसभा में कुल 19 सांसद हैं। 10 सांसदों के न पहुंचने पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अब ये सांसद शिंदे गुट में शमिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि सांसदों की बैठक में गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत, विनायक राउत, धैर्यशील माने, हेमंत गोडसे, राहुल शेवाले, श्रीरंग बारणे, प्रताप जाधव और सदशिव लोखंडे पहुंचे हैं। इसके अलावा राज्यसभा सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी भी इस बैठक में पहुंची हैं।
वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को महाराष्ट्र मामले की सुनवाई करने से इंकार कर दिया था । कोर्ट अभी बेंच का गठन करेगी। उसके बाद मामले की लिस्टिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने Disqualification की सभी कार्रवाई पर रोक लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि महाराष्ट्र मामले की सुनवाई अब संवैधानिक बेंच करेगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुराने स्पीकर द्वारा न ही शिंदे ग्रुप के विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और न ही नए स्पीकर द्वारा उद्धव ग्रुप के विधायकों पर कार्रवाई होगी। यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।
उद्धव गुट आज ही सुनवाई की कर रहा था मांग
वहीं उद्धव गुट सुनवाई की मांग कर रहा था। महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने SC में जवाब दाखिल किया। कहा कि 3 जुलाई को राहुल नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है। अब उन्हें अयोग्यता का मामला देखना है। ऐसे में डिप्टी स्पीकर की तरफ से भेजे नोटिस को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका का SC निपटारा कर दे।
विधायकों को जारी हुए थे कारण बताओ नोटिस
हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा के सचिवालय ने शिवसेना के 55 विधायकों में से 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इन 53 विधायकों में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के गुट में शमिल हैं और 14 विधायक उद्धव ठाकरे के गुट में शमिल हैं। हालांकि ठाकरे गुट के 14 विधायकों में से संतोष बांगर शक्ति परीक्षण के दिन शिंदे गुट में शमिल हो गए थे, उन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।