Maharashtra News: महाराष्ट्र के राजनीतिक तूफान के बाद एकनाथ शिंदे की सरकार को आज एक महीना हो गया। 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद से कहा गया कि जल्द ही सरकार का मंत्रिमंडल भी शपथ ले लेगा। लेकिन एक महीना गुजर जाने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार को सिर्फ दो लोग ही चला रहे हैं। वहीं इससे पहले 27 जुलाई बुधवार को जब सीएम एकनाथ शिंदे दिल्ली दौरे पर आए थे तब यह चर्चा चल पड़ी थीं कि अब जल्द ही कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। लेकिन अभी भी कैबिनेट विस्तार के अभी कोई संकेत नहीं हैं। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद यह शिंदे का दिल्ली का 5वां दौरा था।
शिंदे गुट के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में जिला संरक्षक मंत्री बनने में अधिक रुचि रखते हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, ''लंबे समय के बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है,जो लोगों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।''
सत्ता में आने के बाद शिंदे सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। दो सप्ताह पहले फडणवीस ने कहा था कि परियोजना में तेजी लाने के लिए सभी मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि वर्तमान में शिंदे और फडणवीस ही कैबिनेट के सदस्य हैं। कैबिनेट विस्तार में देरी के कारण विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है।
महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को कम किया जा रहा - संजय राउत
वहीं शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि, ''पिछले एक महीने से कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। इससे पहले कभी भी महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को इस तरह से कम नहीं किया गया। राज्य के सम्मान से समझौता किया गया। शिंदे और फडणवीस द्वारा ली गई शपथ अवैध है।'' उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई सहित कुछ भी हो सकता है।
महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी - राकांपा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक महीने बाद भी कैबिनेट बनाने में असमर्थता से पता चलता है कि राज्य में राजनीतिक स्थिति अब भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ''राज्य के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और चूंकि कोई कैबिनेट मंत्री और संरक्षक मंत्री नहीं हैं, इसलिए लोगों की समस्याओं की उपेक्षा हो रही है। महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।''
राज्य सरकार की दयनीय स्थिति - कांग्रेस
कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने कटाक्ष करते हुए कहा, ''यह राज्य के इतिहास में पहली बार है कि दो सदस्यों का एक विशाल मंत्रिमंडल बाढ़, कुछ स्थानों पर बारिश की कमी और अन्य मामलों को संभाल रहा है।'' उन्होंने कहा, ''किसी राजनीतिक दल के लिए कभी इतनी दयनीय स्थिति नहीं रही कि वह एक महीने में किसी राज्य में पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं बना पाया हो। इसके लिए भाजपा की अति महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।''