Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीति में आया तूफान अब लगभग शांत हो चुका है। इस तूफान ने उद्धव ठाकरे की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया और उसी सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे को सत्ता के शीर्ष पर पहुंचा दिया। बीजेपी जहां विपक्ष में बठी थी अब वो शिंदे सरकार की कुर्सी का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। इस तूफान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और मामला अभी भी लंबित है। इसके साथ ही अब शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
1 अगस्त को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका पर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल की गई उद्धव ठाकरे समूह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट एक अगस्त को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया। शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने स्वयं को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दिए जाने का अनुरोध किया है। इस मामले को लेकर मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ से, उद्वव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि इससे मामले में यहां सुनवाई प्रभावित होगी। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि वह लंबित याचिकाओं के साथ ही इस याचिका पर एक अगस्त को सुनवाई करेगी।
चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को दिया है नोटिस
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने हाल ही में शिवसेना के शिंदे उअर उद्धव ठाकरे गुट को पार्टी और उसके चुनाव चिह्न (धनुष और बाण) पर अपने-अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया था कि दोनों पक्षों को दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है, जिसमें पार्टी की विधायी तथा संगठनात्मक शाखा के समर्थन पत्र और प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं। आपको बता दें कि शिवसेना पिछले महीने तब दो धड़ों में बंट गई थी, जब उसके दो-तिहाई से अधिक विधायकों ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार से बगावत कर दी थी और शिंदे का समर्थन किया था। शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।