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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra News: सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट से नए सिरे से मांगा जवाब, उद्धव गुट की याचिका पर गुरुवार को फिर होगी सुनवाई

Maharashtra News: सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट से नए सिरे से मांगा जवाब, उद्धव गुट की याचिका पर गुरुवार को फिर होगी सुनवाई

Maharashtra News: कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वे अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं।

Supreme Court of India- India TV Hindi Image Source : PTI Supreme Court of India

Highlights

  • उनके बचाव का कोई अन्य रास्ता नहीं है- वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल
  • "बागी विधायकों ने पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है"
  • "यह दलबदल नहीं बल्कि पार्टी की आंतरिक बगावत का मामला है"

Maharashtra News: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक संकट के मद्देनजर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर याचिकाओं में उठाए गए कुछ संवैधानिक सवालों को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट से बुधवार को नए सिरे से जवाब दाखिल करने को कहा। CJI एन वी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने की सुनवाई। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने शिंदे गुट का पक्ष रखा।

"शिंदे गुट तभी बच सकते हैं जब वे किसी अन्य पार्टी में कर दें विलय"

CJI एन वी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ शिवसेना और बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं में पार्टी के विभाजन, विलय, बगावत और अयोग्यता को लेकर उठाए गए संवैधानिक सवालों पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वे अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं। उन्होंने पीठ से कहा कि उनके बचाव का कोई अन्य रास्ता नहीं है।

"बागी विधायकों ने पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है"

शिंदे गुट का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि दलबदल कानून उन नेताओं के लिए हथियार नहीं है जो पार्टी के सदस्यों को एकजुट रखने में सफल नहीं हुए हैं। तथ्यात्मक पहलुओं का संदर्भ देते हुए साल्वे ने कहा कि यह मामला विधायकों द्वारा स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़े जाने का नहीं है। साल्वे ने कहा, ‘‘यह दलबदल नहीं है। यह पार्टी की आंतरिक बगावत का मामला है और किसी ने भी स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है।’’ 

"मामले में दल-बदल कानून लागू ही नहीं होता"

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पार्टी पर दावे को लेकर एकनाथ शिंदे गुट ने कहा कि हम लोगों ने पार्टी नहीं छोड़ी है। एकनाथ शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस मामले में दल-बदल कानून तो लागू ही नहीं होता है। यह तभी लगता है, जब विधायक अथवा सांसद किसी दूसरे दल में जाएं या फिर पार्टी को छोड़ दें। 

गुरुवार को होगी सुनवाई

दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई गुरुवार को करेगी और निर्णय देने के मुद्दे को तय करेगी। कोर्ट ने साल्वे से कानूनी सवालों का पुन: जवाब तैयार करने को कहा। पीठ गुरुवार को सबसे पहले इस मामले पर सुनवाई करेगी।