Maharashtra News: चालीस वर्षीय मोहन कोपनर उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं, जो 15 अगस्त को अपने गांव के सामने हमेशा के लिए शराब छोड़ने का 'संकल्प' लेने जा रहे हैं। मोहन के इस फैसले से उनका परिवार बहुत खुश है। पश्चिमी महाराष्ट्र में सोलापुर जिले की करमाला तहसील के अंतर्गत गौंदरे गांव के निवासी उस पहल का हिस्सा हैं जो स्वेच्छा से शराब छोड़ने और स्वास्थ्य की रक्षा व परिवार के कल्याण पर केंद्रित है। इस पहल के तहत उन लोगों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, जो शराब का सेवन छोड़ने जा रहे हैं। करमाला की पंचायत समिति ने तहसील के 100 से अधिक गांवों में लोगों को शराब के सेवन से रोकने के लिए कुछ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर एक नयी योजना शुरू की है, जिसका नाम है- 'शराब पीना बंद करो और बच्चों के लिए छात्रवृत्ति पाओ'।
शराब से दूर रहने का संकल्प
इसी योजना ने कोपनर को शराब से दूर रहने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज राउत ने कहा कि योजना के तहत, लोगों को स्वतंत्रता दिवस पर अपने गांव के सामने शराब का कभी सेवन नहीं करने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा, ''जो व्यक्ति शराब छोड़ने के संकल्प का सख्ती से पालन करेगा, उसके बच्चों को ठीक एक साल बाद 15 अगस्त, 2023 को 'छात्रवृत्ति' से पुरस्कृत किया जाएगा, और उस व्यक्ति को सम्मानित किया जाएगा।''
मैं बच्चों के लिए शराब छोड़ने को तैयार: किसान
कोपनर ने भाषा से कहा कि वह एक खेतिहर मजदूर हैं और उनकी दो बेटियां और एक बेटा है। कोपनर ने कहा, ''मैं कई वर्ष से शराब पी रहा हूं। ग्राम सभा के दौरान जब इस योजना के बारे में जानकारी दी जा रही थी, तो मैंने शराब छोड़ने और (अपने बच्चों के लिए) छात्रवृत्ति हासिल करने की इच्छा व्यक्त की।'' उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने अपनी पत्नी, बेटियों और बेटे को 15 अगस्त को शराब छोड़ने की प्रतिज्ञा लेने के बारे में बताया है, तब से वे बहुत खुश हैं। कोपनर ने जोर देकर कहा, ''मैं जानता हूं कि अचानक शराब छोड़ना बहुत मुश्किल है, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य के लिए और उनके लिए छात्रवृत्ति पाने के उद्देश्य से मैं अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत करूंगा तथा शराब से दूर रहूंगा।''