Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने 41 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया। हालांकि, शिंदे के मंत्रीमंडल में शपथ लेने वाले 18 में से तीन मंत्रियों का विवादों से नाता रहा है। बता दें कि नए नियुक्त मंत्री संजय राठौड़ उद्धव ठाकरे नीत सरकार में भी मंत्री थे, पुणे में एक महिला की मौत के मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उन्हें पिछले साल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ जून में बगावत की तो राठौड़ भी उनके साथ आ गए। मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ने राठौड़ को क्लीन चिट दी है, इसलिए ही उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
संजय राठौड़ के मंत्रिमंडल में शामिल करने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह महिला की मौत के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “भले ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया हो, लेकिन मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। मुझे न्यायपालिका पर पूरा यकीन है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।”
जानें TET विवाद में कैसे घिरे थे अब्दुल सत्तार
वहीं दूसरे नव नियुक्त मंत्री और शिवसेना के बागी अब्दुल सत्तार हैं। वह सोमवार को विवादों में तब आ गए जब उनकी तीन बेटियों और एक बेटे का नाम 7880 अभ्यर्थियों की उस सूची में शामिल है जिन्हें TET (2019-2020) में कथित गड़बड़ी करने के सिलसिले में अयोग्य घोषित किया गया है। आपको बता दें कि सत्तार पहले कांग्रेस में थे। वह 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वह शिवसेना में शामिल हो गए थे। वह भी जून में शिंदे के गुट में शामिल हो गए । टीईटी(TET) विवाद पर, सत्तार ने सोमवार को आरोप लगाया था कि यह राजनीतिक साज़िश है और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार से एक दिन पहले सूची के सामने पर सवाल खड़े किए थे।
भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए थे विजय कुमार गावित
इसके अलावा तीसरे नव नियुक्त मंत्री एवं भाजपा नेता विजय कुमार गावित हैं जिन्हें पांच साल पहले जनजाति विकास विभाग में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं का दोषी पाया गया था। 2004-2009 के दौरान उनके पास इस विभाग का जिम्मा था। आपको बता दें कि गावित पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में थे और कांग्रेस-राकांपा सरकार में मंत्री थे। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीता।