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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra News: उद्धव और शिंदे गुट से आने लगी सुलह की सुगबुगाहट, बागी नेता दे रहे नरमी भरे बयान

Maharashtra News: उद्धव और शिंदे गुट से आने लगी सुलह की सुगबुगाहट, बागी नेता दे रहे नरमी भरे बयान

Maharashtra News: दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अब सुलह कर लेना चाहिए और इसके लिए बीजेपी से बात कर लेना चाहिए।

Eknath Shinde and Uddhav Thackeray- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Eknath Shinde and Uddhav Thackeray

Highlights

  • 'हमें पुराने परिवार में जाना हुआ, तो हम अकेले नहीं हैं, बीजेपी भी साथ': दीपक केसरकर
  • बयानों में दिख रही उद्धव से सुलह की भाषा
  • उद्धव बुलाएंगे तो सुलह पर चर्चा के लिए मातोश्री जाएंगे: सुहास कांडे

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट की सरकार बनने के बाद शिवसेना के बागी गुट के नेता अब उद्धव ठाकरे के लिए नरमी भरे बयान देने लगे हैं। सबसे पहले शिंदे गुट के प्रवकता दीपक केसरकर का बयान आया, जो पूरे महाराष्ट्र की राजनीतिक संकट के दौरान शिंदे गुट के प्रवक्ता के बतौर सक्रिय रहे। दीपक केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे को अब सुलह कर लेना चाहिए और इसके लिए बीजेपी से बात कर लेना चाहिए। दीपक ने कहा कि अब चूंकि शिवसेना विधायक बीजेपी के साथ मिल ही गए हैं तो उद्धव को भी बीजेपी से बात कर लेना चाहिए। इससे सुलह की संभावना बन सकती है। 

'हमें पुराने परिवार में जाना हुआ, तो हम अकेले नहीं हैं, बीजेपी भी साथ'

हालांकि केसरकर ने उद्धव के हितैषी के रूप में अपना बयान दिया कि उद्धव को पार्टी में विद्रोह करने के लिए जिम्मेदार लोगों को थोड़ा अलग रखना चाहिए। उनका इशारा शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम और भाजपा साथ आ गए हैं। इसलिए अब एक नया परिवार है। यदि हमें पुराने परिवार में जाना हुआ तो हम अकेले नहीं हैं। भाजपा हमारे साथ है। जब भी वह (ठाकरे) हमें बुलाते हैं तो उन्हें भाजपा से भी बात करनी होगी।’

बयानों में दिख रही उद्धव से सुलह की भाषा

जब महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनी तब भी केसरकर ने फ्लोर टेस्ट जीतने पर जश्न न मनाने की बात कही थी। इससे पहले बुधवार को शिदें गुट के विधायक संजय राठौड़ ने कहा कि भले ही आज हमारी भूमिका उद्धव ठाकरे को पंसद नहीं है, लेकिन हो सकता है कि एक दो महीने या छह महीने में हम उन्हें सही लगें। इन बयानों से ये साफ है कि भले ही बागी विधायक शिंदे गुट में शामिल हुए हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के प्रति वैमनस्य उनमें दिखाई नहीं देता है। संजय राठौड़ ने तो यहां तक कहा कि उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री के दरवाजे जब भी हमारे लिए खुलेंगे तो हम उनके पास जाएंगे। इन नरमी भरे बयानों के आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि शिदें गुट और उद्धव गुट में सुलह की बात चल रही है। 

उद्धव बुलाएंगे तो सुलह पर चर्चा के लिए मातोश्री जाएंगे: सुहास कांडे

दीपक केसरकर ने भी कहा है कि उद्धव ठाकरे मुलाकात करेंगे तो हम जरूर जाएंगे। लेकिन हम सीधे उद्धवसे बात करेंगे। इस दौरान आसपास के लोगों को बहार रहना चाहिए। कई विधायक तो संजय राउत को सुप्रीमो शरद पवार का एजेंट तक कह चुके है। शिंदे गुट के एक और विधायक सुहास कांडे ने भी उद्धव ठाकरे के बुलाने पर मातोश्री में सुलह को लेकर चर्चा के लिए जाने कि बात कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह ऐसा चाहते भी है और अगर उद्धवठाकरे एकनाथ शिंदे को बुलावा भेजेंगे तो सभी बागी विधायक मातोश्री जाएंगे।

जहां शिंदे गुट के बागी विधायकों के उद्धव के प्रति नरमी और सुलह वाले बयान आ रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे ही सुलह के बोल उद्धव ठाकरे गुट से भी सामने आ रहे हैं। ​राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पिछले कई दिनों मुंबई में हुइ सांसदों की बैठक में एक वरिष्ठ नेता द्वारा उद्धव ठाकरे को शिंदे गुट से सुलह करने की सलाह दी गई है।

क्या यूं बदला जा सकता है समीकरण?

बाला साहेब ने कभी सत्ता की कुर्सी पर बैठना सही नहीं समझा। हमेशा वे मातोश्री में बैठे और उनकी पार्टी का नेता सत्ता में रहा। अब जबकि उद्धव ठाकरे मातोश्री में बैठे हैं और शिवसेना का सीएम यानी एकनाथ शिंदे सीएम बन गए हैं, तो क्या वही पुरानी परंपरा फिर दोहराई जा सकती है कि बाला साहेब की ही तरह उद्धव ठाकरे को सम्मान देकर शिंदे और उनके विधायक सत्ता चलाएं।हालांकि अभी इतनी जल्दी ऐसा संभव नहीं दिखाई देता, लेकिन उद्धव के प्रति सम्मान बागी विधायकों और खुद एकनाथ शिंदे के मन में कम नहीं हुआ है। शिंदे केवल हिंदुत्व के मुद्दे पर उद्धव से एकराय नहीं थे। अब ये शिंदे और उनके नेताओं पर है कि वे सरकार में रहते हुए उद्धव ठाकरे के कितने करीब जाते हैें, और उद्धव पर भी यह दारोमदार है कि वे बागी गुट को कितना अपनाते हैं।