Maharashtra News: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना सरकार चला रही है। अब इस मामले पर सीएम एकनाथ शिंदे ने खुलकर बात की है। उन्होंने शिवसेना पर कब्जे को लेकर चल रही खींचतान के बारे में बताया। साथ ही यह भी बताया कि कैसे देवेंद्र फड़णवीस डिप्टी सीएम बनने को लेकर असहज हो रहे थे और बाद में कैसे बात बनी थी।
चुनाव चिह्न को लेकर ठाकरे और शिंदे में मची हुई है खींचतान
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को बने दो माह के करीब हो चुके हैं। इस दौरान देर से ही सही, लेकिन मंत्रीमंडल का विस्तार भी हो गया है। अब शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर लड़ाई चल रही है। इसी बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत का बचाव किया है। उन्होंने साफ कहा कि महाराष्ट्र की जनता की ओर से बीजेपी शिवसेना गठबंधन को वोट मिला था, इसलिए जनादेश का सम्मान जरूरी था।
फड़णवीस का डिप्टी सीएम बनना थी महाराष्ट्र की सियासत की अहम घटना
महाराष्ट्र की सियासत में आए तूफान का सबसे नाटकीय घटनाक्रम था देवेंद्र फड़णवीस का सीएम बनना। ये निर्णया वाकई चौंकाने वाला था। एकनाथ शिंदे सीएम बन गए और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, जिन्होंने महाराष्ट्र की सत्ता 5 साल तक चलाई। एकनाथ शिंदे का इस बारे में कहना है कि मैं खुद पहले हैरान रह गया था कि देवेंद्र फड़णवीस को डिप्टी सीएम और मुझे सीएम बनाया गया है। जब फड़णवीस ने सीएम पद के लिए मेरे नाम की घोषणा की तो वे खुश नजर आ रहे थे। लेकिन जब पार्टी ने उन्हें डिप्टी सीएम बनने को कहा तो वे शुरू में असहज दिखाई दिए। शिंदे ने कहा कि तब मैंने खुद उनसे इस असहजता को लेकर बात की थी। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पार्टी का हाईकमान से आदेश है, उसे स्वीकार करना होगा।
महाविकास अघाड़ी की सरकार में नहीं मिला सम्मान: शिंदे
देवेंद्र के अलावा महाविकास अघाड़ी यानी एमवीए की सरकार में शिवसेना के विधायकों का कोई सम्मान नहीं था। वे कहते हैं कि उस सरकार में कुछ भी सही नहीं हो रहा था। हमारे विधायकों को काम करने के लिए फंड भी नहीं मिल रहा था। कहने को हमारी पार्टी का सीएम, लेकिन सम्मान नहीं मिलता था। मैंने खुद ठाकरेजी से कहा था कि हमें उस पार्टी से हाथ मिलाना चाहिए, जिससे विचारधारा मिलती है। पर बात नहीं बन पाई।
कांग्रेस से कभी गठबंधन नहीं करेंगे: सीएम एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे कभी भी भविष्य में कांग्रेस और एनसीपी से हाथ नहीं मिलाएंगे। वे बताते हैं कि बालासाहेब ने भी कहा था कि वे कांग्रेस से गठबंधन करने की बजाय अपनी दुकान बंद करना बेहतर विकल्प समझेंगे। शिंदे की मानें तो उन्होंने सिर्फ बालासाहेब की विचारधारा को ही आगे बढ़ाने का काम किया है। सीएम शिंदे ने कहा कि वे जल्दी ही सभी विधायकों के साथ अयोध्या जाएंगे। ये कोई राजनीतिक दौरा नहीं होगा। आस्था के कारण दर्शन के लिए वे अयोध्या जाएंगे।