महाराष्ट्र में आज से 5000 डॉक्टरों की हड़ताल शुरू, मरीजों की बढ़ेंगी मुश्किलें
Doctors Strike: डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर आज से हड़ताल शुरू कर रहे हैं। बता दें कि इसका सीधा असर हॉस्पिटल में इलाज करवाने आए मरीजों पर पड़ेगा।
महाराष्ट्र में डॉक्टर्स आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने 2 जनवरी यानी आज से हड़ताल शुरू कर रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं इसलिए हम हड़ताल करने पर मजबूर हैं। बता दें कि डॉक्टर्स की मांग है कि अगर रिक्त पदों को भरने और 2018 से लंबित बकाए को पूरा करें। डॉक्टर्स ने आगे कहा कि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे। बता दें कि इसका असर हॉस्पिटल में इलाज करवाने आए मरीजों पर पड़ेगा।
ये सभी डॉक्टर्स अपनी कुछ मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन मांगें नहीं पूरा होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। डॉक्टरों की मांग है कि सीनियर रेजिडेंट पद पर नई जगहों को भरा जाए, डीए 7वें पे कमीशन के आधार पर हो, सरकार द्वारा कोविड सर्विस एरियर का वादा पूरा किया जाए। इन सभी मागों को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।
बता दें कि राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन को सोमवार को लिखे पत्र में एमएआरडी के अध्यक्ष डॉ अविनाश दहिपले ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 1,432 पदों के सृजन और 16 अक्तूबर,2018 से लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग की है। सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने कहा कि यह कदम सरकार को जगाने के लिए करना पड़ रहा है। हड़ताल की चेतावनी हम लोगों ने एक हफ्ते पहले ही दे दी थी।
4 बीएमसी हॉस्पिटल में हड़ताल
महाराष्ट्र के 5000 रेजिडेंट डॉक्टरों ने आज से सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे। मुंबई के 4 बीएमसी हॉस्पिटल (सायन, नायर, कूपर, केम) समेत पूरे महाराष्ट्र के MARD रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर रहेंगे ।
ये रहीं डॉक्टरों की मांगें
- सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 1 हजार 432 पदों का निर्माण करना
- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अपर्याप्त सुविधाओं, जीर्ण-शीर्ण हॉस्टल में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना
- असोसिएट और असिस्टेंट प्रफेसर के पदों को तत्काल भरा जाए
- महंगाई भत्ता तत्काल दिया जाए
- सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को समान वेतन लागू करना
- सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में असमानता को दूर करना
गौरतलब है कि राज्य सरकार व बीएमसी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी इन मांगों को लेकर सरकार से पिछले कई सालों से पत्राचार कर रहे हैं। मु्द्दे पर सरकार की अनदेखी के चलते डॉक्टरों ने एक बार फिर से हड़ताल का रास्ता अख्तियार किया है।