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Maharashtra News: भाजपा विधायक ने की मांग, अहिल्यादेवी होल्कर पर रखा जाए अहमदनगर का नाम

Maharashtra News: विधायक गोपीचंद पडलकर ने मांग की कि पड़ोसी अहमदनगर जिले का नाम बदलकर पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर कर दिया जाए।

MLA Gopichand Padalkar- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK MLA Gopichand Padalkar

Highlights

  • "अहमदनगर जिले का नाम बदलकर पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर हो"
  • विधायक गोपीचंद पडलकर ने की मांग
  • औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

Maharashtra News: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल द्वारा औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक गोपीचंद पडलकर ने बुधवार को मांग की। महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य पडलकर धनगर समुदाय से हैं।अहिल्यादेवी होल्कर का जन्म आज के अहमदनगर जिले के एक धनगर परिवार में हुआ था। 

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी

विधायक गोपीचंद पडलकर ने मांग की कि पड़ोसी अहमदनगर जिले का नाम बदलकर पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी नगर कर दिया जाए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में, पडलकर ने कहा, “अहिल्यादेवी होल्कर ने कई मंदिरों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस देश की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में मदद की।’’ उन्होंने पत्र में कहा कि उनका जन्म अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में हुआ था और लोगों को लगता है कि जिले का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए। माना जाता है कि पुणे से लगभग 120 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में अहमदनगर शहर की स्थापना 1490 में अहमद निजाम शाह प्रथम ने की थी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद शहर का नाम ‘धाराशिव’ करने को मंजूरी दी थी।

औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए बुधवार को बांबे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। औरंगाबाद के निवासी मोहम्मद मुश्ताक अहमद, अन्नासाहेब खंडारे और राजेश मोरे द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट 1 अगस्त को सुनवाई कर सकता है। याचिका में दावा किया गया है कि 2001 में राज्य सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलने का प्रयास किया था लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया था। याचिका में दावा किया गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने राजनीतिक कारणों से अपने अंतिम समय पर अनधिकृत रूप से औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा पिछली कैबिनेट बैठक में उठाया था