Maharashtra News: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को कहा कि गत आठ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के शासन में केंद्र के स्तर पर कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। पुणे में जिला परिषद के गठन के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोश्यारी ने कहा कि मोदी जनता के समर्थन के बल पर देश से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा, "प्रधानमंत्री को सरकार का नेतृत्व करते हुए अब आठ साल हो रहे हैं। उनके अधीन अब केंद्रीय मंत्रिमंडल आठ साल पुरानी हो गया है।" उन्होंने कहा, "आपने (केंद्र के स्तर पर भ्रष्टाचार के बारे में) सुना है? कुछ स्थानों पर (राज्यों में) अधिकारियों ने लिखित में दिया है कि नेता उनसे रिश्वत मांग रहे हैं। यह देश के लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन आपने कभी सुना है कि कोई केंद्रीय मंत्री या प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार में संलिप्त है?"
'भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं पीएम'
कोश्यारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं और इसमें नागरिकों के समर्थन की जरुरत है। उन्होंने कहा, "भारत को अगले 25 साल में जगतगुरु बनाने के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिए, ईमानदारी का अनुपालन करना चाहिए और देश के प्रति 'समर्पण' का भाव रखना चाहिए।" इससे पहले राज्यपाल ने काउंसिल हॉल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
Image Source : PTIPM Modi leaves after addressing the nation on the occasion of the 76th Independence Day at the Red Fort in New Delhi
पीएम ने की भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की आलोचना
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने भाषण में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि आज जब देश 'अमृत काल' में प्रवेश कर रहा है, तो भ्रष्टाचार और परिवारवाद दो ऐसी प्रमुख चुनौतियां हैं, जो राजनीति तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने देशवासियों से इन विकृतियों से नफरत करने और अगले 25 सालों में विकसित भारत सुनिश्चित करने के लिए 'पंच प्रण' लेने का आह्वान किया।
लाल किले की प्राचीर से लगातार नौवीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्व भर में फैले भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि आज का दिन ना सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि यह एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर भी है। उन्होंने कहा कि इस 'अमृत काल' में लोगों की आंकाक्षाएं उफान पर हैं और वह नए भारत की तेज गति और प्रगति देखने को लालायित हैं।