Maharashtra Corona Update: महाराष्ट्र में कोरोना के 24 घंटे में 67,123 नए मामले आए, 419 लोगों की मौत
महाराष्ट्र में शनिवार (17 अप्रैल) को कोरोना वायरस के अब तक के सर्वाधिक 67,123 नए मामले सामने आए।
मुंबई। महाराष्ट्र में शनिवार (17 अप्रैल) को कोरोना वायरस के अब तक के सर्वाधिक 67,123 नए मामले सामने आए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अब राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 37,70,707 हो गए। इसके अलावा, राज्य में महामारी के कारण 419 मौतें हुईं, जिसने मृतकों की संख्या बढ़कर 59,970 हो गई।
राज्य में शुक्रवार को 63,729 मामले आए थे। विभाग ने कहा कि दिन के दौरान 56,783 रोगियों को छुट्टी दी गई, जिससे राज्य में अब तक ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 30,61,174 हो गई। महाराष्ट्र में अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 6,47,933 हो गई।
मुंबई में 8,811 नए मामले और 51 मौतें हुईं, जिससे शहर में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 5,71,018 हो गए और मृतकों की संख्या 12,301 हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए दिन के दौरान की गईं 2,72,035 जांचों के साथ, महाराष्ट्र में अब तक जांच की गईं नमूनों की संख्या बढ़कर 2,35,80,913 हो गई है।
हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से बात की, पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति का आश्वासन दिया
कोरोना वायरस संक्रमण में बढ़ोतरी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और उन्हें मडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त एवं निर्बाध आपूर्ति का आश्वासन दिया। साथ ही उन्हें स्वास्थ्य देखभाल ढांचा, दवाओं आदि से संबंधित हरसंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया। हर्षवर्धन ने एक ट्वीट में कहा कि राज्य के लिए 1121 अतिरिक्त वेंटिलेटर भेजे जा रहे हैं।
हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे जी से बातचीत की। उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा स्वास्थ्य ढांचा, दवाएं एवं हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें 1121 अतिरिक्त वेंटिलेटर भी भेजे जा रहे हैं।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘निरूद्ध क्षेत्र, निगरानी और कोविड-19 मामलों के उपचार के लिए उनसे चर्चा की। पांच बातों -- जांच, निगरानी, उपचार, कोविड के उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।’’ महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में सबसे अधिक नए मामले इसी राज्य में सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री से ऑक्सीजन मुद्दे पर चर्चा की कोशिश की, पर बंगाल चुनाव के चलते सफलता नहीं मिलीः ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने राज्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन के जरिये संपर्क करने की कोशिश की लेकिन पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार की व्यस्तता से वह उपलब्ध नहीं हो सके। उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों जैसे फिक्की, सीआईआई के प्रतिनिधियों से वीडियो कांग्रेस के जरिये बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र, महाराष्ट्र सरकार से सहयोग कर रहा है।
इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य में ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे पर हमला किया था। उन्होंने कहा था कि अबतक महाराष्ट्र को भारत में सबसे अधिक ऑक्सीजन मिला है और केंद्र उसकी जरूरतों का आकलन करने के लिए राज्य सरकार के नियमित संपर्क में है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कहा, 'महाराष्ट्र अकुशल और भ्रष्ट सरकार की समस्या का सामना कर रहा है और केंद्र सरकार वहां के लोगों के लिए यथा संभव बेहतर कर रही है। महाराष्ट्र के लोग 'माझा कुटुंब, माझी जवाबदारी' का अनुपालन कर्तव्य की तरह कर रहे है। अब समय है कि मुख्यमंत्री भी 'माझा राज्य, माझी जवाबदारी' की भावना के साथ अपने कर्तव्य का अनुपालन करें।'
इस बीच, ठाकरे ने उद्योग क्षेत्र से अपील की कि वे कोविड-19 अनुकूल कार्यशैली को विकसित करे ताकि 'कोरोना वायरस की तीसरी लहर' से अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं हो। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र और राज्य सरकार में समन्वय करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, 'महाराष्ट्र को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत है और सभी उत्पादित ऑक्सीजन का इस्तेमाल चिकित्सा जरूरतों के लिए किया जा रहा है। मैंने ऑक्सीजन आपूर्ति की जरूरत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया लेकिन वह कल फोन पर उपलब्ध नहीं थे क्योंकि वह पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। हालांकि, केंद्र राज्य के साथ सहयोग कर रहा है।'
ठाकरे ने कहा कि कोविड-19 की लहर का पूर्वानुमान चूंकि नहीं लगाया जा सकता, ऐसे में कारोबार जगत और उद्योगों को अगली लहर का मुकाबला करने के लिए योजना बनानी चाहिए और कोविड-19 अनुकूल कार्यशैली और जांच व टीकाकरण सुविधा से यह हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले ठाकरे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी और ढुलाई की रणनीतिक समस्या का मुद्दा उठा चुके हैं।