मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद के 21 मई को होने वाले चुनाव के लिये सत्तारूढ़ गठबंधन महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटक दलों-- शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस--के बीच बातचीत चल रही है। कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार उतारने पर अड़ी हुई हैं। अगर कांग्रेस दो सीटों पर अड़ी रही तो उद्धव ठाकरे के निर्विरोध चुने जाने के अरमानों पर पानी फिर जाएगा।अगर यह गठबंधन पांच से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ता है, तो मतदान कराना पड़ेगा।
राज्य विधानसभा में विश्वासमत के दौरान, एमवीए को 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि चार विधायकों (माकपा के एक, मनसे के एक, आईएमआईएम के दो) ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। आगामी विधान परिषद चुनाव वाले सभी सीटों पर विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को समाप्त होने के चलते राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के लिये यह द्विवार्षिक चुनाव कराया जा रहा है।
महाराष्ट्र विधान परिषद के 21 मई को होने वाले चुनाव के लिये भाजपा उम्मीदवारों की सूची में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व सांसद रंजीतसिंह मोहिते पाटिल और तीन अन्य के नाम शामिल हैं। प्रदेश भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह सूची शुक्रवार को दिल्ली से जारी की गई। इस सूची में भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे और पंकजा मुंडे को जगह नहीं मिल पाई, जबकि गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दतके और अजीत गोपछड़े जैसे अपेक्षाकृत कम चर्चित चेहरों को जगह दी गई है। पिछले साल लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में शामिल होने वाले रंजीतसिंह मोहिते पाटिल महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल के बेटे हैं।
रंजीतसिंह औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गये थे, लेकिन उनके पिता अभी तक औपचारिक रूप से भगवा पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पडलकर ने बारामती से अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। पवार ने छह लाख से अधिक मतों से इस सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। विधान परिषद चुनाव नौ सीटों पर होने हैं, जिसके लिए निर्वाचक मंडल 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा है। एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 29 मतों की आवश्यकता है। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी चुनाव मैदान में हैं।
उल्लेखनीय है कि पंकजा मुंडे अपने चचेरे भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से परली से 2019 का विधानसभा चुनाव हार गई थी, जबकि खडसे को उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। उन्होंने हाल में घोषणा की थी कि वह 21 मई का चुनाव लड़ना चाहते हैं। विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्य हैं और पार्टी ने छोटी पार्टियों के 11 सदस्यों तथा निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल होने का भी दावा किया है। उसे अपने चार उम्मीदवारों की जीत के लिए पहली प्राथमिकता वाले 116 मतों की आवश्यकता है।