मुंबईः महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने शुक्रवार को बताया कि राज्य सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए दिए गए 10 करोड़ रुपये के वितरण के आदेश वापस ले लिया है। यह घटनाक्रम एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी होने के एक दिन बाद आया है, जिसमें राज्य प्रशासन ने राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये के फंड के वितरण का आदेश दिया था।
28 नवंबर को जारी हुआ था जीआर
28 नवंबर जीआर के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड (एमएसबीडब्ल्यू) को मजबूत करने के लिए 2024-25 के लिए 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। उसमें से 2 करोड़ रुपये छत्रपति संभाजीनगर स्थित MSBW मुख्यालय को वितरित किए गए थे।
महायुति ने दर्ज की बड़ी जीत
इससे पहले अल्पसंख्यक विभाग द्वारा राज्य वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में महाराष्ट्र सरकार का एक प्रस्ताव जारी किया गया था। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान महायुति का हिस्सा भाजपा ने वक्फ भूमि के प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी। 20 नवंबर को हुए चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।
इससे पहले गुरुवार को लोकसभा ने वक्फ बिल पर संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव अपनाया। समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसने ध्वनि मत से इसे मंजूरी दे दी। 8 अगस्त को सरकार ने लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया और कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है।