मुंबई: मराठा समुदाय के लिए सोमवार को उद्धव सरकार ने बड़ा ऐलान किया। राज्य में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को मिलनेवाला EWS आरक्षण कैटेगरी में मराठा समाज का समावेश होगा। सरकार ने नया आदेश जारी किया। पहले ओपन कैटेगरी में होकर भी EWS आरक्षण कैटेगरी में आरक्षण लेना न लेना उस व्यक्ति के इच्छा पर निर्भर था, अब नौकरी और शिक्षा में मिलनेवाले EWS आरक्षण का लाभ मराठा समाज को मिलेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई, 2021 को मराठा आरक्षण के राज्य सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत का कहना था कि मराठा रिजर्वेशन के चलते आरक्षण की 50 फीसदी तय सीमा का उल्लंघन होगा। 5 जजों की बेंच ने कहा था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा नहीं घोषित किया जा सकता।
इस बीच महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि मराठा रिजर्वेशन की लड़ाई दिल्ली में लड़ी जाएगी। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि यह जरूरी है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली का दरवाजा खटखटाया जाए। सामना में पार्टी ने लिखा, 'यह टकराव निर्णायक साबित होगा। विपक्ष की ओर से महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा करने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में उन्हें समय पर रोकने की जरूरत है।'
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