Maharashtra: पूरे महाराष्ट्र में गणेश उत्सव पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है । लगातार दो सालों तक कोविड संबंधी बैन के साथ गणेश उत्सव मनाया गया तब लेकिन इस साल सरकार ने गणेश उत्सव पर किसी भी तरह का कोई बैन नहीं लगाया है। भारी संख्या लोग में सेलिब्रेशन में शामिल हो रहे हैं।
गणेश उत्सव में आज पहली विसर्जन की तिथि
31 अगस्त से शुरू हुए गणेश उत्सव में आज पहली विसर्जन की तिथि है, जब डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए प्रमुख विसर्जन स्थलों पर BMC की ओर से पर्याप्त तैयारी की गई है। प्राकृतिक विसर्जन स्थलों जैसे कि गिरगांव चौपाटी, जुहू चौपाटी, अक्सा चौपाटी आदि पर सारे इंतजाम की गए हैं। इस के साथ ही बीएमसी अपने सभी वार्ड्स में विसर्जन के लिए 162 कृत्रिम तालाबों का प्रबंध भी किया है। ज्यादातर घरों में स्थापित की गई मूर्तियां आकार में छोटी होती हैं, और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाई गई होती हैं। इसलिए उनके विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बहुत उपयोगी होते हैं। क्योंकि इससे चौपाटी पर लगने वाली भीड़ भी कम होती है और इन कृत्रिम तालाबों में विसर्जन करने से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है।
10,000 कर्मचारियों की अलग-अलग जगहों पर तैनात
बीएमसी ने 10,000 कर्मचारियों को गणेश उत्सव और गणपति विसर्जन संबंधी जिम्मेदारी देकर इनकी अलग-अलग जगहों पर तैनाती की हुई है। अलग-अलग स्थानों पर विसर्जन के लिए आने वाले भक्तों के के स्वागत करने के लिए 211 स्वागत कक्ष बनाए गए हैं। और तीन हजार से ज्यादा (3079) एलईडी लाइट और 71 सर्च लाइट की अवस्था भी की गई है इसके अलावा बीएमसी की ओर से कुल 188 फर्स्ट एड से सेंटर तैयार किए गए हैं और 83 एम्बुलेंस विसर्जन स्थलों के पास तैयार रखी गई हैं ।
समुद्र किनारों पर 786 लाइव गार्ड्स तैनात
इसके अलावा समुद्र किनारों पर कोई दुर्घटना होने जी स्थिति में 786 लाइव गार्ड्स तैनात किए गए हैं। इको फ्रेंडली गणेश उत्सव को बढ़ावा देने की बीएमसी की मुहिम में इस वर्ष भी विसर्जन स्थलों से सारा निर्माल्य यानी की पूजा संबंधी जो वेस्ट मटेरियल होता है, उसे इकट्ठा करके उससे कंपोस्ट खाद तैयार किए जाने की व्यवस्था बीएमसी कर रही है। इसके लिए कुल 357 निर्माल्य कलश अलग-अलग विसर्जन स्थलों पर रखे गए हैं और उनसे निकले हुए निर्माल्य को 287 निर्माल्य वाहन कंपोस्ट पीट सेंटर्स तक लेकर जाएंगे ।
48 वॉच टॉवर भी समुद्र किनारों पर बनाए गए हैं
सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से 48 वॉच टॉवर भी समुद्र किनारों पर बनाए गए हैं। समुद्र किनारों पर और अन्य प्राकृतिक विसर्जन स्थलों पर विसर्जन को सुविधाजनक और सुरक्षित रूप से कराने के लिए बीएमसी ने 45 मोटर बोट और 39 जर्मन बार्ज का इंतजाम भी किया हुआ है। साथ ही कुल 188 नियंत्रण कक्षों की मदद से इन सभी आर्टिफिशियल पॉन्ड और प्राकृतिक विसर्जन स्थलों के बीच समन्वय स्थापित करने की भी तैयारी बीएमसी की है।
इसके अलावा सभी विसर्जन स्थलों पर बीएमसी ने पर्याप्त संख्या में बायो फ्रेंडली टॉयलेट का इंतजाम भी किया है। कई बड़ी मूर्तियां विसर्जन के लिए गाड़ियों में रखकर लाई जाती है, उनकी सुविधा के लिए बीएमसी ने समुद्र किनारों पर 460 स्टील प्लेट्स भी लगाई हैं ताकि गाड़ी रेत में ना फंसे।