मुंबई: महाराष्ट्र के अन्नदाता देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बैठी सरकार से अपना हक मांगने मुंबई पहुंचने वाले हैं। किसान खेतों में बर्बाद हो रही अपनी फसल और मिट्टी में मिल जाने वाले पसीने का दाम मांग रहे हैं। इस बीच सरकार की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। मुंबई की तरफ कूच कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल को सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया है। सरकार और किसानों के बीच एक राउंड की बातचीत हो चुकी है जिसमें ये तय हुआ कि आज दोपहर 3 बजे किसानों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात करेगा। किसान नेताओं को आज बातचीत के लिए विधानसभा में बुलाया गया है। इस मुलाकात के दौरान किसानों की मांगों को लेकर चर्चा की जाएगी।
किसानों और सरकार के बीच पहले राउंड की बातचीत हुई
इससे पहले बुधवार रात किसानों के प्रतिनिधिमंडल और महाराष्ट्र के मंत्री दादा भूसे के बीच देर तक बातचीत चली। इस बातचीत के बाद किसान नेता जेपी गावित ने कहा कि वो सरकार के साथ बातचीत के बाद 40 फीसदी संतुष्ट हैं। दादा भूसे ने भी कहा कि सरकार ने किसानों की कुछ मांगे पहले ही मान ली है, बाकी मांगो पर भी विचार किया जा रहा है।
किसानों की डिमांड-
- प्याज का रेट- 2000 रुपये प्रति क्विंटल हो
- एक्सपोर्ट पॉलिसी- प्याज के लिए चेंज की जाए
- प्याज पर सब्सिडी- 600 रुपये प्रति क्विंटल मिले
- बिजली, कर्ज माफी हो- 12 घंटे बिजली दी जाए
- आदिवासी किसानों को- जमीन का मालिकाना हक मिले
Image Source : ptiकिसानों का पैदल मार्च
20 मार्च को मुंबई पहुंचने का टारगेट
आपको बता दें कि आज का दिन निर्णायक है, अगर आज बात नहीं बनी तो ये लंबा मार्च मुंबई कूच करेगा। किसानों के मार्च के कारण एक तरफ के रोड पर ट्रैफिक बंद है। किसान रोज करीब 30 किलोमीटर पैदल चलते हैं। ये किसान सोमवार को नासिक से निकले थे और 20 मार्च को 203 किलोमीटर का सफर पूरा कर मुंबई पहुंचने का टारगेट है।
विपक्षी नेताओं सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट
एक तरफ सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल और दूसरी तरफ किसानों के मार्च ने महाराष्ट्र में विपक्ष में नई जान फूंक दी है। महाविकास अघाड़ी के नेताओं को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा मिल गया है। बुधवार को विपक्षी नेताओं ने विधानसभा के गेट के बाहर सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट किया। इस बीच महाराष्ट्र सरकार और किसानों के बीच संवाद कायम हो गया है। पहले राउंड की बैठक हो चुकी है। सरकार को भरोसा है कि आज बात बन जाएगी।