Maharashtra Dahi Handi: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ अपने विद्रोह का जिक्र करते हुए कहा कि जून में उन्होंने और उनके समर्थकों ने "बहुत ही चुनौतीपूर्ण दही हांडी (Dahi Handi) को तोड़ने" का काम किया था। दरअसल, शिंदे राज्य में शिवसेना-NCP-कांग्रेस की गठबंधन सरकार को गिराने की ओर इशारा कर रहे थे। बीजेपी और शिवसेना के बागी विधायकों के समर्थन से 30 जून को मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को जन्माष्टमी के अवसर पर तेंभी नाका में आयोजित एक दही हांडी कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
'हमें दही हांडी तोड़ने के लिए 50 मजबूत परतों की मदद लेनी पड़ी थी'
शिंदे ने कहा, "आप लोग अब दही हांडी तोड़ रहे हैं। हमने डेढ़ महीने पहले एक बहुत ही कठिन दही हांडी को तोड़ा था। यह बहुत कठिन था, ऊंचा था, और हमें उसे तोड़ने के लिए 50 मजबूत परतों की मदद लेनी पड़ी, लेकिन अंतत: हम सफल हुए।" उन्होंने कहा कि जहां एक ओर शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे चाहते थे कि पार्टी का एक कार्यकर्ता महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने, वहीं दिवंगत आनंद दीघे चाहते थे कि ठाणे के किसी शिवसेना कार्यकर्ता को यह शीर्ष पद मिले। शिवसेना के दिग्गज नेता रहे आनंद दीघे को ही राजनीति में शिंदे का गुरु माना जाता है।
दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला
वहीं, आपको बता दें कि सीएम शिंदे ने गुरुवार को विधानसभा में घोषणा की कि उनकी सरकार ने लोकप्रिय उत्सव दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है। सरकार के एक आदेश में सभी सरकारी, निगम और जिला परिषद अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इन आयोजनों के दौरान घायल हुए प्रतिभागियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार ने प्रत्येक 'गोविंदा' के लिए 10 लाख रुपये के बीमा कवर के अलावा गिरने और घायल होने वालों के लिए मुफ्त इलाज, साथ ही मुआवजे की घोषणा की।
शिंदे, फडणवीस सहित कई नेता समारोह में हुए शामिल
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं सहित VIP अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ समारोहों में शामिल हुए। कुछ आयोजकों ने प्रमुख बॉलीवुड और मराठी फिल्म सितारों को अपने कार्यक्रमों में भाग लेने और प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया था, अन्य कलाकारों के साथ, कई स्थानों पर एक नृत्य और संगीत समारोह की प्रस्तुति दी। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच ठाणे, पालघर, रायगढ़, पुणे, नागपुर, कोल्हापुर और महाराष्ट्र के अन्य कस्बों या गांवों में इसी तरह के उत्साहपूर्ण जन्माष्टमी और दही-हांडी समारोह आयोजित किए गए।