महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज पूरे देश का गौरव हैं। इन्हें देखकर न जाने कितने वीर-योद्धाओं ने प्रेरणा ली है। इसी को देखते हुए एक एनजीओ आम्ही पुणेकर (वी पुणेकर) ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है। इसके पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मनों से लड़ने वाले सैनिक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को देखकर उनके आदर्श और नैतिक मूल्यों से प्रेरित हों।
NGO के साथ आई महाराष्ट्र सरकार
एनजीओ (NGO) की इस पहल के साथ अब महाराष्ट्र सरकार भी आ गई है। एनजीओ के साथ मिलकर महाराष्ट्र सरकार इस प्रतिमा की स्थापना करेगी। तलवार एवं प्रतिमा का मुख पाकिस्तान की तरफ रहेगा। जानकारी के मुताबिक, कश्मीर की किरेण और तंगधार-टिटवाल घाटियों में दो स्थानों पर नियंत्रण रेखा के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
कुपवाड़ा में प्रतिमा स्थापित करने अनुमति
फिलहाल एनजीओ को कश्मीर के कुपवाड़ा में प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मिल गई है। प्रतिमा स्थापना कार्य के लिए भूमि पूजन मार्च के अंत तक होगा। शिवाजी के पदचिह्नों से पवित्र हुए रायगढ़, तोराना, शिवनेरी, राजगढ़ और प्रतापगढ़ किलों की मिट्टी और पानी को भूमि पूजन के लिए कश्मीर ले जाया जाएगा।
'वाघ नख' को जल्द लाया जाएगा भारत
वहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रसिद्ध 'वाघ नख' के भी भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उदय सामंत ने लंदन में स्थित विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के साथ वाघ नख को भारत लाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिया है। भारत की ये ऐतिहासिक धरोहर लंबे समय से ब्रिटेन के संग्रहालय में रखी हुई है। छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघ नख को लेकर लोगों में काफी श्रद्धा का भाव है। वाघ नख को तीन साल तक भारत में रखने के एमओयू पर साइन किया गया है।
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