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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच CM ठाकरे का बड़ा फैसला, मंत्रियों के बदले विभाग, जानें किसके पास कौन सा मंत्रालय

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच CM ठाकरे का बड़ा फैसला, मंत्रियों के बदले विभाग, जानें किसके पास कौन सा मंत्रालय

Maharashtra Crisis: सरकार की तरफ से कहा गया है कि जनहित से जुड़े काम बिना किसी रुकावट के चलते रहें इसलिए 5 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को सौंपे गए हैं।

CM Uddhav Thackeray- India TV Hindi Image Source : PTI CM  Uddhav Thackeray

Highlights

  • सियासी संकट के बीच CM ठाकरे का बड़ा फैसला
  • CM ठाकरे ने कई बागी मंत्रियों के विभागों को बदला
  • एकनाथ शिंदे का शहरी विकास मंत्रालय सुभाष देसाई को सौंपा गया

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कई बागी मंत्रियों के विभागों को बदल दिया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि जनहित से जुड़े काम बिना किसी रुकावट के चलते रहें इसलिए 5 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को सौंपे गए हैं।  इसमें सबसे अहम ये है कि बागी नेताओं के नेता एकनाथ शिंदे का शहरी विकास मंत्रालय सुभाष देसाई को सौंपा गया है।  इसके अलावा  गुलाबराव पाटिल का विभाग अनिल परब को सौंपा गया है और उदय सामंत का विभाग आदित्य ठाकरे को सौंपा गया है।

इन मंत्रियों के विभाग बदले

  1. एकनाथ शिंदे का शहरी विकास मंत्रालय सुभाष देसाई को सौंपा गया।
  2. गुलाबराव पाटिल का विभाग अनिल परब को सौंपा गया।
  3. दादाजी भूसे और संदिपान भुमरे का विभाग शंकरराव गडाख को सौंपा गया।
  4. उदय सामंत का विभाग आदित्य ठाकरे को सौंपा गया।
  5. अब्दुल सत्तार के 3 मंत्रालय प्राजक्त तनपुरे, सतेज पाटिल और अदिती तटकरे को सौंपे गए। 
  6. ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के 4 मंत्रालय अदिती तटकरे, सतेज पाटिल, संजय बनसोडे, दत्तात्रय भरणे को सौंपे गए।

38 बागी विधायकों ने उद्धव सरकार से समर्थन वापस लिया

इससे पहले खबर सामने आई थी कि 38 बागी विधायकों ने उद्धव सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इस बात का जिक्र 38 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में किया है। इस याचिका में बागी विधायकों ने MVA से समर्थन वापस लेने का जिक्र किया है। शिवसेना के शिंदे ग्रुप ने अपने 38 विधायकों के सपोर्ट को वापस लेने का जिक्र करते हुए याचिका में कहा है कि इस समय MVA सरकार अल्पमत में है और अधिकारों का दुरुपयोग हो रहा है। हालांकि अभी तक विधानसभा उपाध्यक्ष या राज्यपाल के पास सरकार से समर्थन वापस लेने का पत्र शिंदे ग्रुप ने नहीं दिया है।

इसमें ये भी लिखा गया है कि शिवसेना के 38 विधायकों ने अपना समर्थन एमवीए सरकार से वापस ले लिया है लेकिन ये सरकार अपने पदों और पावर का मिसयूज कर रही है। डिप्टी स्पीकर के पद को को एमवीए सरकार द्वारा गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। डिप्टी स्पीकर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।