Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में मची सियासी उथल-पुथल के बीच शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने एक बड़ा बयान दिया है। आदित्य ठाकरे ने शिवसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे की बगावत और विधायकों के गुवाहाटी जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएम उद्धव ठाकरे को फोन किया था। आदित्य ने साथ ही एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गुवाहाटी गए बागी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे याद रखें कि एक दिन फ्लोर टेस्ट होगा और विधानसभा का रास्ता वर्ली, भाइकला, बांद्रा से होकर जाता है।
‘बिना शिवसेन के लड़ने की ताकत है, तो आओ मैदान में’
आदित्य ने कहा, ‘हमारे विधायकों को, जिन्हें वे जबरदस्ती ले गए हैं, उन पर लाखों रुपये रोज का खर्च हो रहा है। जिन्होंने गद्दारी की है उन्हें अब किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देना है। हम फिर से लड़ने को तैयार हैं। क्या बिना शिवसेना के लड़ने की ताकत है? आओ मैदान में। जिस तरह से वहां विधायकों का हाल है उसके बारे में सोचना चाहिए यह क्या हो रहा है? इस घटना के बाद सीएम साहब को ममता बनर्जी, सोनिया गांधी ने फोन किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार नाजी की तरह काम कर रही है।’
‘मेरे पिताजी ने कहा कि बैग बांधो, निकलते हैं’
आदित्य ने शिवसैनिकों से कहा, ‘एक कहते हैं कि मैं पुनः आऊंगा। ऐसे बंगले से कोई मोह क्या रखना। मेरे पिताजी ने कहा कि बैग बांधो, निकलते हैं। मैं 32 साल का युवक राजनीति में आया लोगों की भलाई के लिए, कुछ गलत किया क्या? उस दिन मातोश्री आते हुए जिस तरह का प्रेम देखने को मिला, वही हमारी असली कमाई है। जो सड़क किनारे आम जनता खड़ी थी, वह हमारी ताकत है। बहुत से लोगों का मुझे मैसेज आया, कॉल आई कि बहुत से नेता आएंगे-जाएंगे, लेकिन इनके जैसे सीएम नही आएंगे।’
‘10-15 विधायक अभी हमारे संपर्क में हैं’
आदित्य ने आगे कहा, ‘आपके इस जोश को देखकर लगता है आपका उद्घोष गुवाहाटी के होटल तक पहुंच रहा है। फ्लोर टेस्ट का दिन जब आएगा, तो यह याद रखना कि रास्ता वर्ली, भाइकला, बांद्रा से होकर जाता है। जाने नहीं देना है। पार्टी तोड़ने के लिए सूरत क्यों गए? और वहां से गुवाहाटी गए, वहां किसकी सरकार है? आजकल जो विधायक वहां हैं, उनमें से कई को देखकर लग रहा है जबरदस्ती ले जाया गया है। 10-15 विधायक अभी हमारे संपर्क में हैं। वे बोल रहे जबरदस्ती किया गया है।’