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महाराष्ट्र ने CBI जांच को लेकर क्यों बदले नियम? राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि राज्य में अब सरकार की अनुमति के बिना CBI जांच नहीं कर पाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

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मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि राज्य में अब सरकार की अनुमति के बिना CBI जांच नहीं कर पाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। अनिल देशमुख ने कहा, "CBI को महाराष्ट्र में जांच करने का अधिकार था लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार की परमिशन के बगैर वह जांच नहीं कर सकती, ऐसा आदेश निकाला है। जब तक जांच की परमिशन नही लेंगे तब तक किसी मामले में CBI जांच नहीं कर सकती है।"

राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, "CBI प्रोफेशनली काम करने वाली संस्था है। लेकिन, CBI का इस्तेमाल राजनीतिक स्तर पर किया जाता है, ऐसी शंका थी। बीच मे राज्य सरकार की परमिशन के बगैर जांच की गई है।" उन्होंने कहा कि सबको महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस के काम का तरीका पता है। अंडर वर्ल्ड से लेकर कई बड़ी जांच राज्य की पुलिस ने कर दिखाई हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच CBI कर रही है जबकि यह जांच पहले मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही थी। लेकिन, बिहार में FIR दर्ज होने के बाद बिहार सरकार द्वारा CBI जांच की सिफारिश की गई। जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दी और केस CBI के पास पहुंच गया। इसे लेकर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार के बीच टकराव जैसी स्थिति आ गई थी। अब महाराष्ट्र सरकार ने नियम बना दिया है कि राज्य में CBI तभी जांच कर पाएगी जब राज्य सरकार उसे अनुमति दी जाएगी।

वहीं, शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने CBI पर केंद्र सरकार बनाम राज्य के इस मामले में पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं ऐसे और भी राज्य हैं, जहां CBI पर रोक लगाई गई है और किसी भी जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत होगी। 

उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि केंद्र में एक ताकतवर शख्स की सरकार है लेकिन जिन राज्यो में उनकी पार्टी की सरकार नहीं है वहां पर केंद्रीय एजेंसियों के जरिये लोगों को तकलीफ देना सही नहीं है।

संजय राउत ने कहा कि सुशांत सिंह केस की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन दूसरे राज्य में FIR होती है और केस CBI को सौंप दिया जाता है। फिर CBI आ जाती है। ये राज्य सरकारों के अधिकार का हनन है।