महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे- देवेंद्र फडणवीस सरकार में उप मुख्यमंत्री के तौर पर अजित पवार की एंट्री होने के बाद से अब तक अजित पवार और उनके साथ मंत्री बने नेताओ को विभाग यानी पोर्टफोलियो नहीं दिया गया है। पोर्टफोलियो का बंटवारा न होने पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। वही सरकार में भी तीनों खेमों में बेचैनी बनी हुई है। शिंदे-फडणवीस सरकार में 9 दिनों पहले 2 जुलाई को अचानक से अजित पवार की एंट्री हुई। अजित पवार समेत 9 विधायकों को एनसीपी की तरफ से मंत्री बनाया गया था। 7 जुलाई की रात इस बाबत एक बैठक का आयोजन एकनाथ शिंदे के सरकारी निवास वर्षा बंगलो पर किया गया था।
अजित पवार को चाहिए पावरफुल मंत्रालय
इस बैठक में विभागों के बंटवारे और मंत्रिमंडल पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट अजित पवार को वित्त जैसा पावरफुल विभाग नहीं देना चाहता। वर्तमान में वित्त विभाग देवेंद्र फडणवीस के पास है। अजित पवार को वित्त, ऊर्जा, या राजस्व इनमें से एक बड़ा विभाग चाहिए। 4 बार उप मुख्यमंत्री रह चुके अजित पवार को पावरफुल विभाग चाहिए। साथ ही उनके साथ आए दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव आत्राम जैसे सीनियर नेताओं को भी सम्मानजनक विभाग चाहिए। सूत्रों के मुताबिक कुछ बातों पर पेंच फसा हुआ है।
कैसे होगा बंटवारा
महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 17 जुलाई से पहले होने वाला है। लेकिन अभी तक केंद्र से इसे ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्रिपदों की कुल संख्या 43 है। इसमें बीजेपी के 10, एकनाथ शिंदे गुट के 10 और अजीत पवार गुट के 9 यानि कुल 29 मंत्रियों को नियुक्त किया गया है। ऐसे में 14 मंत्रिपद रिक्त हैं। उनमें से 9 मंत्रिपद भरे जाएं ये दबाव अब शिवसेना और बीजेपी से भी है।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में बाढ़ का खतरा! यमुना का बढ़ा जलस्तर, प्रगति मैदान टनल बंद