मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों के निलंबन के विरोध में पार्टी ने मंगलवार को विधानसभा के बाहर अलग से अपनी असेंबली बना दी और उस असेंबली का अध्यक्ष विधायक कालीदाल कोलंबर को नियुक्त किया है। अपने विधायकों के निलंबर के विरोध में पार्टी ने यह कदम उठाया है और उस असेंबली को भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संबोधित किया है। भाजपा ने जिस नई विधानसभा को बनाया है उसमें महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार को कोसा गया है,
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के चेंबर में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ 'दुर्व्यवहार' करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को 1 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अनिल परब ने पेश किया था, जो ध्वनि मत से पारित हुआ। अनिल परब ने कहा कि 'निलंबन की अवधि के दौरान सभी 12 विधायकों को मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।'
अपने विधायकों के निलंबन का भारतीय जनता पार्टी जमकर विरोध कर रही है, इसी विरोध में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा भवन के बाहर समानांतर एक अपनी अलग विधानसभा चलाना शुरू किया और उसमें अध्यक्ष की नियुक्ति करके सरकार को कोसा गया।
भारतीय जनता पार्टी के कुल 12 विधायकों को निलंबित किया गया है। संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया को विधानसभा से निलंबित किया गया है। घटना के बाद पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव और भाजपा विधायक एंव पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने-अपने पक्ष सामने रखे।
निलंबन को लेकर भास्कर जाधव ने कहा कि 'महाराष्ट्र के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ। मेरे सामने का माइक तोड़ दिया। बीजेपी के विधायकों ने मुझे मां-बहन की गालीयां दीं। इन्हे रोकने की कोशिश की तो जैसे गुंडे होते हैं, वैसे बीजेपी के विधायकों ने व्यवहार किया।' उन्होंने कहा कि 'विपक्ष झूठे आरोप लगा रहा हैं कि मैंने उनको गाली दी।'
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। विधानसभा में फडणवीस ने कहा था, ''यह एक झूठा आरोप है और विपक्षी सदस्यों की संख्या को कम करने का प्रयास है। ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है।''