खतरे में शिंदे की कुर्सी? शिवसेना के समर्थन के बगैर भी BJP की सत्ता रह सकती है कायम; समझें महाराष्ट्र का समीकरण
इस वक्त महाराष्ट्र में जबरदस्त सियासी हलचल है। शरद पवार की राजनीति विसर्जित हो रही है। कुनबा बगावत करके पवार को छोड़ गया लेकिन पवार कहते हैं कि वह तीन महीने के भीतर पार्टी को फिर खड़ी कर देंगे।
मुंबई: महाराष्ट्र में जो हुआ वो चौंकाने वाला नहीं है। अजित पवार ये प्रयोग 2019 में ही कर चुके थे, अब फिर बीजेपी की शरण में चले गए हैं। नए गठबंधन को नाम दिया है महायुति। हालांकि इसका अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था लेकिन मुंबई से लेकर नागपुर तक जो चर्चा है वो चौंकाने वाली है। एक बड़ा धड़ा कह रहा है कि जो हुआ वो शरद पवार की सहमति से हुआ। शरद पवार कह रहे हैं वो तीन महीने में फिर पार्टी खड़ी कर देंगे।
इस बीच आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की स्थिति में भी शिवसेना के बाकी विधायकों और NCP नेता अजित पवार के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों के समर्थन से बीजेपी राज्य में सत्ता बरकरार रख सकती है। एक पूर्व अधिकारी ने सोमवार को यह दावा किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कम से कम 40 विधायक अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने रविवार को उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। उनके आठ साथी नेताओं ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। सूत्रों ने राजभवन को सौंपे गए एक पत्र के हवाले से बताया कि अजित पवार को एनसीपी के कम से कम 40 विधायकों का समर्थन है।
जानें विधानसभा का गणित, किसके पास कितने विधायक
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 105 सदस्य हैं, जबकि शिंदे नीत शिवसेना के 40 सदस्य भी सरकार का हिस्सा हैं। कम से कम 10 निर्दलीय विधायक भी बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। बीजेपी के 105 और अजित का समर्थन कर रहे एनसीपी के 40 विधायकों के साथ आ जाने से इसका (बीजेपी का) संयुक्त संख्या बल 145 हो गया है। इस तरह बीजेपी, शिंदे की शिवसेना के समर्थन के बगैर भी सरकार बरकरार रख सकती है।
कांग्रेस के 45 और शिवसेना (यूबीटी) के 17 विधायक हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने 54 सीट पर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे सहित 16 विधायकों की अयोग्यता की स्थिति में, बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी (अजित नीत गुट) गठजोड़ (अजित के प्रति निष्ठा रखने वाले) एनसीपी विधायकों के समर्थन से सत्ता बरकरार रख सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री सहित 16 विधायकों की अयोग्यता पर विचार करने का फैसला करना चाहिए। ऐसे में, यदि शिंदे अयोग्य घोषित हो जाते हैं तो बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी गठजोड़ NCP विधायकों के समर्थन से सत्ता बरकरार रख सकता है।’’
'बीजेपी ने अजित पवार को CM पद का वादा किया है'
शीर्ष न्यायालय ने मई में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों की आयोग्यता पर फैसले का विषय महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नर्वेकर के पास भेज दिया था। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को दावा किया कि उनके पास यह सूचना है कि बीजेपी ने अजित पवार को मुख्यमंत्री पद का वादा किया है। चव्हाण ने सोमवार को दावा किया, ‘‘मैंने इस बारे में सार्वजनिक रूप से कहा था (कि अजित पवार भाजपा के साथ जा सकते हैं), लेकिन मुझे आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्हें (अजित को) क्या पद मिलेगा, उस बारे में केवल सौदेबाजी हो रही थी। हमारे पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष के (शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता पर) फैसले की मदद से एकनाथ शिंदे को हटा कर उन्हें (अजित को) मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया गया है।’’
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'अजित पवार के शपथ ग्रहण से शिंदे के लिए उल्टी गिनती शुरू'
शिवसेना(यूबीटी) सांसद संजय राउत ने दावा किया कि अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह से शिंदे के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। राउत ने दावा किया, ‘‘शिंदे गुट के विधायक सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित हो जाएंगे। उसके बाद भी सत्ता में बने रहने के लिए अजित पवार और राकांपा विधायक सरकार में शामिल हुए हैं।’’ अजित पवार और आठ अन्य के शामिल होने से महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के कुल सदस्यों की संख्या बढ़ कर 29 हो गई है। मंत्रिपरिषद के बहुप्रतीक्षित विस्तार से पहले 14 रिक्तियां शेष रह गई हैं। राज्य में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। भाजपा और शिंदे नीत इसकी सहयोग शिवसेना, प्रत्येक के 10-10 कैबिनेट मंत्री हैं।
(इनपुट- भाषा)