महाराष्ट्र चुनाव: कांग्रेस ने बागी उम्मीदवारों पर की बड़ी कार्रवाई, छह साल के लिए किया सस्पेंड
जिन प्रमुख नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक (रामटेक निर्वाचन क्षेत्र), याज्ञवल्क्य जिचकर (काटोल), कमल व्यवहारे (कसबा), मनोज शिंदे (कोपरी पचपखडी) और आबा बागुल (पार्वती) शामिल हैं।
मुंबई: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक रहे बागी उम्मीदवारों पर बड़ी कार्रवाईकी है। रविवार को 28 बागी उम्मीदवारों को ‘‘पार्टी विरोधी’’ गतिविधियों के कारण छह साल के लिए निलंबित कर दिया। राज्य के 22 विधानसभा क्षेत्रों में ये उम्मीदवार 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में महा विकास आघाडी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ मैदान में हैं।
जिन प्रमुख नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक (रामटेक निर्वाचन क्षेत्र), याज्ञवल्क्य जिचकर (काटोल), कमल व्यवहारे (कसबा), मनोज शिंदे (कोपरी पचपखडी) और आबा बागुल (पार्वती) शामिल हैं। कांग्रेस के एक बयान में कहा गया है कि यह निर्णय एआईसीसी प्रभारी रमेश चेन्निथला के निर्देश पर लिया गया है।
भारत को आरएसएस, मोदी और अमित शाह से खतरा है: खरगे
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भारत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से खतरा है। खरगे ने मुंबई में ‘संविधान बचाओ’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि संसद में चर्चा और बहस की अनुमति नहीं है। खरगे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ जबकि (भाजपा के) अन्य नेता ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की बात करते हैं। किसे खतरा है? क्या कोई समस्या है? वास्तव में, देश को आरएसएस, भाजपा, मोदी और शाह से खतरा है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए ‘एक हैं तो ‘सेफ’ हैं’ का जिक्र किया था और कांग्रेस पर अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी), अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ भी काफी चर्चा में है जिसे हिंदुओं से एकजुट रहने के आह्वान के तौर पर देखा जा रहा है। खरगे ने मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए सवाल किया कि क्या उन्हें लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री कहा जा सकता है? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘मुद्दों का समाधान चर्चा के जरिए किया जा सकता है, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा लेकिन वे (भाजपा) लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।’’
खरगे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों दिवंगत जवाहरलाल नेहरू, दिवंगत इंदिरा गांधी और दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकालों के विपरीत मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक शिष्टाचार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वाजपेयी, नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एक-दूसरे का परस्पर सम्मान किया लेकिन मोदी लगातार हम पर हमला करते हैं और हमें जवाब देना पड़ता है।’’ खरगे विधानसभा चुनावों के लिए शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे(यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार(राकांपा- एसपी) के महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के घोषणापत्र जारी करने के लिए मुंबई में थे। (इनपुट-भाषा)