Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा में आज एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार फ्लोर टेस्ट (Floor Test) का सामना करेगी। एकनाथ शिंदे आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे। सत्तापक्ष का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है। वहीं विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के बाद आज शाम डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के आवास पर बीजेपी (BJP) कोर कमेटी की बैठक होनी है। इस बैठक में मंत्रिमंडल के गठन पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल रहेंगे।
उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के दफ्तर की तरफ से जारी चिट्ठी में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे-शिवसेना
इस बीच, शिवसेना ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी। यह घटनाक्रम 16 विधायक वाले उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे आज होने वाले विश्वास मत के लिए भरत गोगावले द्वारा जारी किए जाने वाले व्हिप से बंधे होंगे। अगर ये 16 विधायक व्हिप का पालन करने से इनकार करते हैं, तो उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि वे इस ‘असंवैधानिक’ फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।
शिंदे सरकार अगले छह महीने में गिर सकती है : पवार
इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है, क्योंकि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अगले छह महीने में गिर सकती है। पवार ने मुंबई में रविवार शाम को एनसीपी विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में शामिल एनसीपी के एक नेता ने पवार के हवाले से कहा, ‘महाराष्ट्र में नवगठित सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है, इसलिए सभी को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए। शिंदे का समर्थन कर रहे कई बागी विधायक मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होने के बाद उनका असंतोष सामने आएगा, जिसके परिणामस्वरूप अंततः सरकार गिर जाएगी।’
इनपुट-भाषा