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महाराष्ट्र में गठबंधन पर संकट के बादल, इस विवाद ने पैदा की शिंदे और फडणवीस के बीच दरार

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी पार्टी कर्नाटक से सीमा विवाद को लेकर सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, राज्य में भाजपा के नेतृत्व की तरफ से ऐसे किसी प्रस्ताव की बात नहीं की गई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस- India TV Hindi Image Source : FILE महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस

महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर से चर्चा में है। दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच ताजा सीमा विवाद को लेकर शिंदे और फडणवीस में आपसी मतभेद पैदा हो गए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार के दो शीर्ष नेताओं में टकराव से गठबंधन पर संकट पैदा हो सकता है। बताया जा रहा है कि शिंदे गुट सीमा विवाद से जुदा एक प्रस्ताव विधानसभा में लाने जा रहा है लेकिन बीजेपी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस प्रस्ताव इसके पक्ष में नहीं हैं। इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की राय अलग है। जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है और इसमें दरार पड़ सकती है। 

कर्नाटक में अगले वर्ष होने हैं विधानसभा चुनाव 

बता दें कि शिंदे की बालासाहेबची शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी पार्टी कर्नाटक से सीमा विवाद को लेकर सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, राज्य में भाजपा के नेतृत्व की तरफ से ऐसे किसी प्रस्ताव की बात नहीं की गई। बीजेपी इस प्रस्ताव से इसलिए बच रही है क्योंकि कर्नाटक में भी बीजेपी की ही सरकार है और अगले वर्ष वहां चुनाव होने वाले हैं। ऐसे समय में बीजेपी बिलकुल नहीं चाहती कि इस वजह से वहां के लोगों को भड़काया जाए और इसका नुकसान उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में उठाना पड़े।

विपक्ष कर रहा शिंदे पर लगातार हमले 

वहीं माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस प्रस्ताव लाए जाने के पक्ष में हैं, क्योंकि उद्धव ठाकरे समेत समूचे विपक्ष के नेता शिंदे पर हमलावर हैं। जिसके जवाब में वह इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दे रहे हैं। लेकिन विधानसभा में इस प्रस्ताव को लेकर कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी हुआ है। हालांकि, प्रस्ताव को लेकर चर्चा अभी जारी है और इसे विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंत में भी लाया जा सकता है।