Maharashtra: भारत में बीमा कंपनी अगर किसी को आसानी से उसके बीमा की रकम चुका दें तो बड़े अचंभा माना जाता है। कहते हैं कि बीमा कंपनियों के दफ्तरों के चक्कर लगते-लगते आपकी चप्पल घिस जाएंगी, लकिन आपको बीमा की रकम आसानी से नहीं मिलेगी। ऐसा ही महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ। एक दुर्घटना के बाद कार सवार और बीमा कंपनी ने मृतक के परिवार को पैसे देने से इंकार कर दिया।
कोर्ट ने दिया लगभग 80 लाख रुपए देने का आदेश
मामला साल 2019 का है। एक सड़क दुर्घटना के में राजकुमार नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद उसके परिवार ने दुर्घटना करने वाले कार चालक और बीमा कंपनी से मुआवजा मांगा, जिसे उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इसके बाद वे कोर्ट गए और वहां जाकर मामले को दर्ज कराया। जहां मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने 2019 में जिले में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 48 वर्षीय व्यक्ति के परिजन को 79.60 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है।
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष अभय जे.मंत्री ने 17 जून को पारित अपने आदेश में, दुर्घटना में शामिल कार के मालिक नरेश गांधी और एक निजी बीमा कंपनी को मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर दावे की तारीख से प्रति वर्ष 7.5 प्रतिशत ब्याज दर के साथ याचिकाकर्ताओं को सामूहिक रूप से भुगतान करने का निर्देश दिया।
मृतक पर आश्रित था पूरा परिवार
गौरतलब है कि मृतक की पत्नी दीप्ति राजकुमार पट्टनशेट्टी (46), उसकी 21 वर्षीय बेटी और उसकी मां ने यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील सचिन माने ने कहा कि 25 फरवरी, 2019 को राजकुमार पट्टनशेट्टी अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर अंजुर फाटा से जिले के मनकोली जा रहा था। जब उसकी मोटरसाइकिल दापोड़ा रोड पर दमानी गोदाम के पास पहुंची, तो सामने से आ रही गांधी की कार ने उसे टक्कर मार दी, जिससे राजकुमार की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के परिवार के सदस्यों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि घटना के समय राजकुमार एक निजी कंपनी में मैनेजर के तौर पर कार्यरत थे और पूरा परिवार उन्हीं पर आश्रित था। जिसके बाद उन्होंने मुआवजे की मांग की। न्यायाधिकरण ने कहा कि दुर्घटना कार चालक की लापरवाही के कारण हुई और उसने कार चालक एवं बीमा कंपनी को मुआवजे का सामूहिक रूप से भुगतान करने का आदेश दिया।