महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि तीन साल पहले बीजेपी के साथ जब अजित पवार सरकार बनाने के लिए राजी हुए थे तो हमारी बात शरद पवार से भी हुई थी। यानी शरद पवार भी बीजेपी और NCP की सरकार बनाने के लिए राजी थे। फडणवीस के इस दावे से महाराष्ट्र में हलचल शुरू हो गई। इस दावे के बाद खुद शरद पवार सामने आये और जवाब भी दिया। पवार ने कहा, मुझे लगा कि देवेंद्र फडणवीस एक सुसंस्कृत आदमी हैं, सभ्य व्यक्ति हैं। असत्य का आधार लेकर वो इस तरह का बयान देंगे, मुझे कभी लगा नहीं था।
सुबह की शपथ पवार से चर्चा बाद हुई थी
3 साल बाद देवेंद्र फडणवीस ने ये खुलासा किया है। फडणवीस ने कहा कि उस दिन सुबह की शपथ विधि शरद पवार से चर्चा करने के बाद ही हुई थी। उन्होंने कहा कि हमारी चर्चा (शरद) पवार साहब के साथ हुई थी। बाकी की जो बातें है वो आप अजीत पवार से पूछो। देवेंद्र फडणवीस के बयान पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने जवाब देते हुए कहा, "मुझे लगा की देवेंद्र फडणवीस एक सुसंस्कृत आदमी है, सभ्य व्यक्ति हैं। असत्य का आधार लेकर वो इस तरह का बयान देंगे मुझे कभी लगा नहीं था।" इस तरह शरद पवार ने देवेंद्र फडणवीस के दावे को यह कहकर खारिज कर दिया है कि वह झूठ के आधार पर इस तरह के बयान दे रहे हैं।
जब रातों-रात बनाई थी बीजेपी ने सरकार
बता दें कि साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद राज्य की सियासत में बड़े भूचाल देखने को मिले थे। बीजेपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र का चुनाव साथ लड़ा था। दोनों पार्टियों ने मिलकर जनमत भी हासिल कर लिया था। लेकिन नतीजे आने के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो गया और शिवसेना अपने विधायकों को लेकर भगवा गठबंधन तोड़कर अलग हो गई थी। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। लेकिन इससे पहले कि शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बना पाती, बीजेपी ने एनसीपी को साथ लेकर अजित पवार के साथ रातों-रात सरकार बना ली थी।
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