मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण बहुत तेजी से फैलने लगा है। बता दें कि बीते कई दिनों से हर रोज कोरोना के 30 हजार से ज्यादा नए मामले मिल रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में बुधवार को 39,544 नए कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं जबकि 23,600 लोग कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो गए, जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 227 और मरीजों की मौत हो गई, जिसके कारण अब मृतकों की कुल संख्या 54,649 हो गई है। विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 28,12,980 हो गए हैं, जिनमें से कुल 24,00,727 लोग ठीक हो गए हैं। फिलहाल, राज्य में संक्रमण के कुल 3,56,243 सक्रिय मामले हैं।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए आने वाले दिनों में लोगों को कड़े कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए। राजेश टोपे ने पत्रकारों से कहा कि जान बचाना सरकार की प्राथमिकता है। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को अधिकारियों से कहा था कि वे लॉकडाउन के कार्यान्वयन के लिए एक योजना तैयार करें, जिसका राज्य की अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।
एनसीपी के नेता टोपे ने मंगलवार को कहा था कि लॉकडाउन राज्य सरकार के लिए अंतिम विकल्प है। स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को कहा, ‘‘राज्य में लोगों को आने वाले दिनों में कड़े कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, राज्य सरकार लॉकडाउन लागू नहीं करना चाहती है लेकिन जान बचाना सर्वोपरि है। इसलिए राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कड़े उपाय अपना सकता है।’’
वहीं, देश में कोविड-19 का अब भी इलाज करा रहे लोगों में से 79 प्रतिशत से अधिक मामले पांच राज्यों में हैं जिनमें से 61 प्रतिशत से अधिक संक्रमित लोग अकेले महाराष्ट्र में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, केरल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के अधिक मामले हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘देश में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों में से 79.30 प्रतिशत मरीज पांच राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पंजाब और छत्तीसगढ़ में हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 61 प्रतिशत से अधिक मरीज उपचाराधीन हैं।’’
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