मुंबई: महायुती सरकार में उपमुख्यमंत्री और गार्डियन मिनिस्टर अजित पवार एक बार फिर विवाद में घिर चुके हैं। दरअसल पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवनकर की किताब 'मैडम कमिश्नर' में एक जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि पुणे की पुलिस कमिश्नर पद पर जब उनकी नियुक्ति हुई थी, ठीक उसी समय "दादा" जो कि पालक मंत्री भी थे, उन्होंने पुणे के विभागीय आयुक्त के पास बैठक के लिए बुलाया। उस बैठक में पुणे के यरवदा में एक भूखंड को निजी व्यक्ति को देने का मामला था। लेकिन मीरा बोरवनकर ने उस वक्त इसका विरोध किया और कहा कि पुलिस के लिए यह आरक्षिथ भूखंड उनकी कॉलोनी बनाने के अलावा और कई सरकारी काम के लिहाज से काम में आ सकता है। अगर एक बार यह जमीन निजी व्यक्ति के पास चली गई तो दोबारा इतनी अच्छी जमीन नहीं मिलेगी।
'दादा' के नाम पर महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल
इस पुस्तक में बताया गया है कि दादा के पास जमीन का नक्शा था। उन्होंने मीरा बोरवनकर को हस्ताक्षर करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने साइन करने से मना कर दिया। तब दादा ने गुस्से में कागज टेबल पर रखा दिया। मीरा बोरवनकर ने इस किताब में दादा के जिक्र पर अजित पवार गुट के नेता सूरज चव्हाण इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहते हैं कि किताब बिकने के लिए मीरा बोरवनकर की ओर से बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवनकर ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि दादा ने यरवदा की जमीन को बेचने के लिए उनपर दबाव बनाया था। अब ये दादा कौन है, कौन सा दादा है। पुलिस विभाग के अधिकारी का इस तरह का बयान देना गंभीर बात है।
यरवदा की जमीन पर जांच की होगी मांग
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसबा सत्र में सरकार से हम मांग करेंगे कि पूरे मामले की जांच की जाए। तुम चोर नहीं तो फिर शंका उपस्थित करने की कोई वजह नहीं है। जो गलत करेगा वो सामने आएगा। किताब में जिस जमीन का जिक्र है बाद में कुछ कारणों की वजह से उस जमीन की नीलामी नहीं हो सकी। इस पर कांग्रेस ने कहा कि आगामी विधानसत्रा सत्र में इसे उठाया जाएगा और सरका से जवाब मांगने के साथ ही मामेल की जांच करने की बात भी की जाएगी। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस में दो गुट बनने के बाद से ही अजित पवार गुट खुद को सही साबित करने का कोशिश कर रहा है। ऐसे में अजित पवार के नाम का सीधा जिक्र भले ही मैडम कमिश्नर किताब में मीरा बोरवनकर ने ना किया हो लेकिन दादा के नाम पर अब अजित पवार गुट को सफाई देनी पड़ रही है।